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अक्टूबर से देश में लागू हो जाएंगे टायरों के लिए नए नियम, कार से सफर होगा सुरक्षित
अक्टूबर से देश भर में कार, बस और ट्रक के टायरों के लिए नए मानक लागू होने वाले हैं। केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक आधिकारिक सूचना में कहा है कि अब नए टायरों को को रोलिंग रेसिस्टेंस, वेट ग्रिप (गीली सड़क पर पकड़) और रोलिंग ध्वनि उत्सर्जन के लिए निर्धारित मानकों को पूरा करना होगा।

मंत्रालय ने सूचना में कहा कि अक्टूबर 2022 से कार, बस और ट्रक के टायर बनाने वाली कंपनियों को ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AMI) 142:2019 में परिभाषित उद्योग मानकों का पालन करना होगा। यह मानक नए टायर के रोलिंग रेसिस्टेंस, वेट ग्रिप और रोलिंग ध्वनि की जरूरतों को परिभाषित करते हैं। सूचना में कहा गया है कि इस नियम के साथ भारत UNECE (यूरोप के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग) के मानकों का अनुपालन करने वाला देश बन जाएगा।

टायर के रोलिंग रेजिस्टेंस (रोलिंग प्रतिरोध) का वाहन के माइलेज पर असर पड़ता है, जबकि टायर का वेट ग्रिप (गीली सड़क पर पकड़) यह बताता है कि गीली सड़क पर टायर का ब्रेकिंग परफॉर्मेंस कैसा है। वहीं, टायर का रोलिंग साउंड (रोलिंग ध्वनि) यह बताता है कि सड़क पर टायर के घर्षण से कितना शोर पैदा होता है।

परिवहन मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, सभी मौजूदा टायर डिजाइन को अगले अप्रैल से वेट ग्रिप और रोलिंग प्रतिरोध मानकों का पालन करना होगा और अगले जून से कम रोलिंग शोर मानक का पालन करना होगा।

लागू होगा रेटिंग सिस्टम
नए टायरों के रोलिंग रेसिस्टेंस, वेट ग्रिप और रोलिंग ध्वनि के लिए गुणवत्ता आधारित रेटिंग प्रणाली को लागू किया जा सकता है। नए रेटिंग सिस्टम को लाने का उद्देश्य न केवल उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाले टायर प्रदान करना है, बल्कि वाहन की माइलेज में सुधार करना और भारत में खराब गुणवत्ता वाले टायर के आयात पर रोक लगाना भी है।

स्टार रेटिंग वाले टायर तीन श्रेणी के वाहनों - सी1, सी2 और सी3 के लिए उपलब्ध किए जाएंगे।। इसमें सी1 व्यक्तिगत वाहन हैं, सी2 हल्के मालवाहक और यात्री वाहन हैं, जबकि सी3 भारी मालवाहक और यात्री वाहन हैं।

टायरों को बेहतर ग्रिप, ईंधन बचाने, कम शोर उत्पन्न करने और वाहन को फिसलन से बचाने की क्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी। एक टायर के लिए बेहतर स्टार रेटिंग का मतलब होगा कि वह टायर वाहन को ईंधन बचाने, ज्यादा माइलेज देने और बेहतर रोड ग्रिप प्रदान करने में सक्षम है। 5-स्टार रेटिंग वाले टायरों के इस्तेमाल से एक कार में लगभग 10-15% ईंधन बचाया जा सकता है।

स्टार रेटिंग वाले टायर आमतौर पर मिलने वाले टायरों से महंगे होंगे। इसके लिए टायर कंपनियां नई तकनीक पर निवेश कर रही हैं। संभावना है कि अंतिम उपभोक्ता को 5-स्टार या 3-स्टार रेटेड टायर प्राप्त करने के लिए अधिक पैसा खर्च करना होगा।

स्टार रेटिंग वाले टायरों के आने से भारतीय बाजार में खराब गुणवत्ता वाले टायरों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। ये टायर भारतीय बाजार में गुणवत्ता के एक नए पैमाने को स्थापित करेंगे जिससे खराब टायरों के आयात पर पाबंदी लगाई जा सकेगी। सरकार की योजना भारत के टायर उद्योग को आत्मनिर्भर बनाना है। इससे घरेलू टायर निर्माताओं को बेहतर टायर बनाने की प्रेरणा मिलेगी।