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मर्सिडीज-बेंज लेगी सेल्फ-ड्राइविंग कारों से दुर्घटनाओं की जिम्मेदारी
जर्मनी की प्रसिद्ध कार निर्माता मर्सिडीज-बेंज अपनी कारों में जल्द ही लेवल-3 सेल्फ-ड्राइविंग कारों को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। ब्रांड ने पुष्टि की है कि वह इस सिस्टम के उपयोग होने पर अपनी कारों से जुड़ी दुर्घटनाओं के लिए कानूनी जिम्मेदारी स्वीकार करने के लिए तैयार है। हालांकि, कंपनी ने कहा है कि वह सीमित मापदंडों के भीतर ही जिम्मेदारी लेगी। मर्सिडीज-बेंज का कहना है कि वह तभी दोषी मानी जाएगी यदि दुर्घटना कार के तकनीक के फेल होने पर हो।

कंपनी ने कहा कि यदि ड्राइवर कार द्वारा दिए गए निर्देश का पालन करने में विफल रहता है, तब नुकसान के लिए ड्राइवर को दोषी माना जाएगा। कंपनी ने बताया कि लेवल-3 सेल्फ-ड्राइविंग कार पूरीतरह ऑटोमैटिक नहीं होते, इसलिए ड्राइवर को इस तकनीक का उपयोग करते समय पूरी तरह अलर्ट रहना पड़ता है। इस तकनीक का उपयोग करते समय कई बार ड्राइवर को खुद से कार नियंत्रत करने के निर्देश दिया जाता है, यदि ड्राइवर ऐसा नहीं करता है तो दुर्घटना होने पर उसे जिम्म्मेदार माना जाएगा।

मर्सिडीज की ड्राइव पायलट प्रणाली केवल 60 किमी / घंटा (लगभग 37 मील प्रति घंटे) की गति से जर्मन मोटरवे नेटवर्क पर जियो-फेंसिंग वाले क्षेत्रों में काम करेगी। लेकिन अगर मर्सिडीज यह साबित करने में कामयाब होती है कि सिस्टम विश्वसनीय रूप से काम करता है, तो इन सीमाओं को बढ़ाया जा सकता है।

मर्सिडीज की ड्राइव पायलट एक लेवल-3 स्वचालित प्रणाली है। यह सिस्टम कार पर पूरी तरह नियंत्रण करने की अनुमति देता है। मर्सिडीज यहां तक कहती है कि सेल्फ ड्राइव मोड ऑन करने के बाद कार ड्राइवर इंफोटेनमेंट सिस्टम पर फिल्म देख सकता है, ईमेल कर सकता है या ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकता है।

मर्सिडीज दुनिया की पहली निर्माता है जिसने लेवल-3 सेल्फ-ड्राइविंग सिस्टम के लिए कानूनी आवश्यकताओं को पूरा किया और इस मामले में टेस्ला को भी पीछे छोड़ दिया। जर्मन सरकार ने 2021 के अंत में इस तकनीक के लिए मर्सिडीज की मंजूरी दी थी। ड्राइव पायलट से लैस कारें 2022 की शुरुआत में उपलब्ध हो जाएंगी।

मर्सिडीज का कहना है कि यह सेल्फ ड्राइविंग तकनीक में एक बड़ी छलांग का प्रतिक है। अब तक, सेल्फ-ड्राइविंग कारें पूरी तरह स्वचालित नहीं होती हैं। हालांकि, इस तरह के बड़े बदलावों को कानूनी दस्तावेजों द्वारा समर्थित करने की आवश्यकता है। कार कंपनियों की तरफ से इस तरह की सुविधाओं से सेल्फ-ड्राइविंग कारों को और तरक्की करने में मदद मिलेगी।