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आखिर महिंद्रा एंड महिंद्रा को बेचनी पड़ी ये कंपनी, जानें क्यों रही घाटे का सौदा
दक्षिण कोरिया की वाहन निर्माता सैंगयोंग (SsangYong) ने बताया है कि उसे एक स्थानीय कार निर्माता एडिसन मोटर्स ने 305 बिलियन याॅन में खरीद लिया है। सैंगयोंग में भारतीय वाहन निर्माता महिंद्रा मेजोरिटी शेयर रखने वाली कंपनी थी। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 2010 में दक्षिण कोरियाई कंपनी में 75 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल की थी और उम्मीद थी कि इस अधिग्रण से कंपनी को एक बार फिर बाजार में पकड़ बनाने में मदद मिलेगी।
हालांकि, वाहनों की बिक्री ठीक नहीं होने के चलते सैंगयोंग पर करीब 100 अरब याॅन का कर्ज बकाया हो गया। कर्ज ना चुका पाने के कारण उसने दिवालिया होने का आवेदन किया था। कोविड-19 महामारी के कारण 2021 में कंपनी की बिक्री कम होकर 84,000 तक पहुंच गई जो 2020 के मुकाबले 21 फीसदी कम थी।
जनवरी से सितंबर 2021 के बीच कंपनी ने 238 बिलियन याॅन के ऑपरेटिंग नुकसान की सूचना दी, जबकि कंपनी का कुल राजस्व 1.8 ट्रिलियन वाॅन दर्ज किया गया। पिछले साल अप्रैल से ही महिंदा एंड महिंद्रा सैंगयोंग के लिए खरीददार की तलाश कर रही थी। महिंद्रा ने साल 2010 में सैंगयोंग में उस समय हिस्सेदारी खरीदी थी जब कंपनी दिवालिया होने के कगार पर थी।
भारत की प्रमुख वाहन कंपनियों में से एक महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने दिसंबर 2021 की कुल बिक्री की घोषणा कर दी है। कंपनी ने बीते साल दिसंबर में कुल 39,157 यूनिट वाहनों की बिक्री की है। यूटिलिटी व्हीकल्स सेगमेंट में, महिंद्रा ने दिसंबर 2021 में 17,469 वाहन बेचे। वहीं पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में कंपनी ने 17,722 वाहनों की बिक्री की, जबकि 3,017 यूनिट वाहनों का निर्यात किया।
वाणिज्यिक वाहन सेगमेंट में, महिंद्रा ने दिसंबर 2021 में 14 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 15,938 वाहन बेचे। दिसंबर 2021 में पिकअप, लाइट और हैवी कमर्शियल वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा पारंपरिक वाहनों के अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों के कारोबार को भी बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है। कंपनी ने पिछले साल दिसंबर में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और बीपी पीएलसी के संयुक्त उद्यम जियो-बीपी के साथ गठबंधन की घोषणा की। इस संयुक्त साझेदारी में महिंद्रा और जियो-बीपी मिलकर इलेक्ट्रिक उत्पादों के निर्माण और सेवाओं की सुविधा को उपलब्ध करेंगे।
इस एमओयू के तहत इलेक्ट्रिक तीनपहिया, चारपहिया, क्वाड्रिसाइकिल और छोटे वाणिज्यिक वाहनों के लिए जियो-बीपी चार्जिंग सुविधा प्रदान करेगी। इसमें महिंद्रा ग्रुप के कैप्टिव फ्लीट और लास्ट माइल मोबिलिटी वाहन भी शामिल होंगे।
साझेदारी का उद्देश्य ईवी उत्पादों और सेवाओं के क्षेत्र में दोनों कंपनियों की संयुक्त क्षमता का लाभ उठाना है। जियो-बीपी महिंद्रा और उसके चैनल पार्टनर के स्थानों पर चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग सुविधाओं के विकास का मूल्यांकन करेगी। इसके अलावा जियो-बीपी महिंद्रा के वाहनों को अपने स्टेशनों पर भी कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
Jio-bp ने हाल ही में महाराष्ट्र में अपना पहला मोबिलिटी स्टेशन लॉन्च किया, जिसमें EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और रिटेल आउटलेट सहित कई तरह के ईंधन विकल्प उपलब्ध हैं। महिंद्रा और जियो-बीपी की साझेदारी के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी से जुड़े कई तरह के व्यवसायों का भी मूल्यांकन किया जाएगा। इस मॉडल के तहत Jio-bp महिंद्रा समूह द्वारा बनाए गए वाहनों को चार्जिंग समाधान प्रदान कर सकता है। यह सहयोग कंपनियों को भारत के शून्य उत्सर्जन लक्ष्यों को तेजी से साकार करने में भी मदद करेगा।
मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने में लगने वाला लंबा समय और सीमित रेंज एक बड़ी समस्या है। इस साझेदारी का उद्देश्य भारत में स्वैपेबल बैटरी के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों अपनाने में तेजी लाना है जो रेंज की चिंता को दूर करने में मदद करेगा।