Just In
- 6 hrs ago
ओला इलेक्ट्रिक, ओकिनावा और प्योर ईवी को “कारण बताओ” नोटिस जारी
- 6 hrs ago
Kia India ने गुरुग्राम में स्थापित किया देश का सबसे पहला 150 kWh DC EV चार्जर, जानें
- 7 hrs ago
Maruti Suzuki भारत में लाॅन्च करेगी एक नई एसयूवी, इस दिन होगा खुलासा
- 7 hrs ago
क्या आप जानते हैं भारत का सबसे लंबा रेल मार्ग कौन-सा है? इसे पूरा करने में लगते हैं 3 दिन से ज्यादा
Don't Miss!
- Education
NEST Result 2022 Scorecard Download Link नेस्ट रिजल्ट 2022 स्कोरकार्ड डाउनलोड करें
- News
ICU में लालू यादव, पीएम मोदी ने तेजस्वी से फोन पर की बात
- Travel
कब से शुरू हो रही है हज यात्रा, यहां चेक करें पूरी जानकारी...
- Movies
आलिया ने जैसे ही बताया वो प्रेगनेंट हैं, रो दिए करण जौहर, अपनी बेटी को मां बनते देख हुए इमोशनल
- Finance
Gold : सुख-दुख का साथी इस समय कैसे कराएगा मुनाफा, जरूर जानिए
- Lifestyle
Vastu Tips For Bird Picture: घर की किस दिशा में लगानी चाहिए पक्षियों की तस्वीर, आएंगी खुशहाली
- Technology
Snapchat: कौन से नए फीचर्स मिल रहे है इस ऐप में
- Sports
जोकोविच ने कोरोना को लिया हल्के में, अब सामने आया राफेल नडाल का बयान
हुंडई को डिलीवर करनी है 1.35 लाख कारें, सेमीकंडक्टर की कमी के चलते बढ़ रहा है कारों का वेटिंग पीरियड
हुंडई ने खुलासा किया है वैश्विक सेमीकंडक्टर संकट के कारण उसे अभी भी उत्पादन में कमी का सामना करना पड़ रहा है। कार एंड बाइक की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि हुंडई इंडिया के पास सेमीकंडक्टर की कमी के चलते लगभग 1.35 लाख यूनिट करो का ऑर्डर बैकलॉग है। कंपनी ने बताया कि वह बाजार की मांग के अनुसार वाहनों का उत्पादन नहीं कर पा रही है।

वाहनों में नई तकनीक के बढ़ते उपयोग के साथ सेमीकंडक्टर्स की मांग बढ़ रही है। कोरोना महामारी से उत्पन्न आपूर्ति की कमी के चलते सेमीकंडक्टर्स बनाने वाली कंपनियों ने उत्पादन कम कर दिया है, जिसका खामियाजा दुनिया भर की वाहन कंपनियों को उठाना पड़ रहा है। भारत के कई वाहन निर्माताओं ने सेमीकंडक्टर की कमी के चलते उत्पादन में कमी की बात कही है।

हुंडई के अलावा महिंद्रा, रेनॉल्ट और मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों ने पहले भी उत्पादन में भी कमी और लंबी वेटिंग पीरियड की जानकारी दी है। हुंडई ने कहा है कि हाल के दिनों में सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में कुछ सुधार हुआ है। हालांकि कंपनी मौजूदा भू-राजनीतिक स्थितियों सहित मौजूदा वैश्विक परिदृश्य पर नजर रखेगी क्योंकि इससे नए मुद्दे सामने आ सकते हैं।

क्या होते हैं सेमीकंडक्टर
सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक चिप होते हैं जिन्हें सिलिकॉन से बनाया जाता है। ये कारों के इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में करंट को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इनके बिना आज कारों की कल्पना ही नहीं की जा सकती। मौजूदा समय में बाजार में जितनी भी कारें उपलब्ध हैं, सभी में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। इनके बिना कारों को हाईटेक नहीं बनाया जा सकता।

कारों में डिस्प्ले पैनल, नेविगेशन, लाइट, पावर स्टीयरिंग और लगभग सभी ऑटोमैटिक फीचर्स में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल किया जाता है। चिप्स की कमी की वजह से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में सेमीकंडक्टर की भारी कमी हो गई है, इसलिए कारों का उत्पादन तय संख्या में नहीं हो रहा है।

क्यों हुई सेमीकंडक्टर की कमी
सेमीकंडक्टर चिप में अलग-अलग प्रकार के सैकड़ों सर्किट होते हैं। अभी सबसे अच्छी गुणवत्ता के चिप की सप्लाई क्वालकॉम इंक और इंटेल कॉर्प जैसी कंपनियां कर रही हैं। हालांकि, वैश्विक कोरोना महामारी ने कंपनियों की चिप की सप्लाई को बाधित कर दिया है। इस वजह से ये कंपनियां मांग के अनुसार सेमीकंडक्टर का उत्पादन नहीं कर पा रही हैं।

इसके अलावा स्मार्टफोन, टीवी, ऐसी जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में सेमीकंडक्टर की मांग बढ़ गई है जिसे चिप निर्माण करने वाली कंपनियां पूरा नहीं कर पा रही हैं। इस वजह से कारों में लगने वाले कुछ सेमीकंडक्टर चिप की कीमत में उछाल आया है। कारों में लगने वाले डिस्प्ले ड्राइवर चिप की कीमत बढ़ गई है, जिनका इस्तेमाल टेलीविजन, लैपटॉप, कार और विमानों के उत्पादन में भी होता है।

अब हाल में बिजली प्रबंधन (पॉवर मैनेजमेंट) चिप्स की भी वैश्विक बाजार में कमी हो गई है। इसका खराब असर भी विश्व अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। इसकी वजह से फोर्ड मोटर कंपनी, निशान मोटर कंपनी, फॉक्सवैगन एजी आदि जैसी कंपनियों को अपने उत्पादन में कटौती करनी पड़ रही है। एक अनुमान के मुताबिक इस चिप की सप्लाई में कमी के कारण दुनिया में कार उद्योग इस साल 60 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है।