Just In
- 23 min ago नई Land Rover Defender के साथ नजर आयी बॉलीवुड सिंगर Neha Kakkar, कीमत जान होश उड़ जाएंगे!
- 1 hr ago ये हैं देश की टॉप-3 कॉम्पैक्ट SUV! डिजाइन से लेकर फीचर तक में बवाल, Hyundai Creta का है बोलबाला!
- 17 hrs ago टोल प्लाजा पर अब नहीं होंगे ये बोर्ड! केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला, जानें डिटेल्स
- 23 hrs ago Bigg Boss फेम आयशा खान ने खरीदी MG की ये धांसू कार, जानें क्या है खासियत?
Don't Miss!
- News दक्षिण चीन सागर में आज से भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती! चीन के दुश्मन के हाथ होगा आज का 'ब्रह्मास्त्र'
- Education JAC 10th Result Marksheet Download: झारखंड बोर्ड 10वीं मार्कशीट कैसे डाउनलोड करें?
- Movies Loksabha Elections 2024: रजनीकांत से लेकर विजय तक, इन सितारों ने आम लोगों संग लाइन में खड़े होकर डाले वोट
- Travel दुनिया के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट्स की लिस्ट में दिल्ली का IGI एयरपोर्ट भी शामिल
- Technology Samsung Galaxy M35 भारत में 6000mAh बैटरी के साथ होगा लॉन्च, यहां जानें सबकुछ
- Finance Bangalore के लोगों को मिल सकती है चिलचिलाती गर्मी से राहत, आज हो सकती है तेज बारिश
- Lifestyle LokSabha Chunav 2024 : सही करो मतदान तो, हो उत्तम सरकार... इन संदेशों से लोगों को वोटिंग के लिए करें प्रेरित
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
अगले साल अप्रैल से लागू होंगे मोटर वाहन ईंधन खपत मानक, केन्द्र सरकार ने दिया प्रस्ताव
प्रदूषण को कम करने और अधिक ईंधन कुशल वाहनों को पेश करने के उद्देश्य से, सरकार ने अप्रैल 2023 से विभिन्न श्रेणियों के हल्के, मध्यम और भारी मोटर वाहनों के लिए ईंधन खपत मानकों का पालन करना अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया है। परिवहन मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि मोटर वाहन उद्योग मानक 149 में उल्लिखित प्रक्रिया के अनुसार ईंधन खपत मानकों का निरंतर अनुपालन सत्यापित किया जाएगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने 1 जुलाई 2022 को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें हल्के, मध्यम और भारी वाहनों के लिए ईंधन खपत मानकों (Fuel Consumption Standard) के अनुपालन को शामिल करने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम (Central Motor Vehicle Rule) 1989 के नियम 115 G में संशोधन किया गया है। ईंधन खपत मानक भारत में बनने वाले वाहनों के साथ बाहर से आयत होने वाले वाहनों पर भी सामान रूप से लागू होंगे।
इस अधिसूचना में कहा गया है कि वार्षिक ईंधन खपत मानक का अनुपालन एम 1 (M1) श्रेणी के वाहनों (सभी पैसेंजर वाहन जिनकी क्षमता 8 सीट से ज्यादा न हो) को अनिवार्य रूप से करना होगा जिनका कुल वजन 3.5 टन तक है।
MoRTH ने एक बयान में कहा कि इस अधिसूचना का उद्देश्य FCS के अनुपालन के लिए वाहनों के दायरे का विस्तार करना है, और इसलिए अधिक ईंधन कुशल वाहनों को पेश करना है। बयान में आगे कहा गया है कि इस अधिसूचना के लागू होने की तारीख 1 अप्रैल, 2023 है और अधिसूचना की तारीख से 30 दिनों के भीतर सभी हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं।
भारत के कई शहरों में वायु प्रदूषण का प्रकोप बढ़ रहा है। दिल्ली की बात करें तो, हर साल शहर सर्दियों के समय गंभीर वायु प्रदूषण की समस्या से जूझता है। इस समस्या को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सर्दियों के पहले ही प्रदूषण से निपटने की तैयारी कर रही है। दिल्ली सरकार ने अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर बैन लगाने का ऐलान कर दिया है। दिल्ली सरकार ने सर्दियों के महीनों में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए इस साल अक्टूबर से फरवरी 2023 के बीच ट्रकों और अन्य भारी वाहनों के शहर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में लगभग 70,000-80,000 ट्रक हर दिन प्रवेश करते हैं। जिन वाहनों को शहर में अनुमति दी जाएगी उनमें सीएनजी और बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं। इसके अलावा सब्जियां, फल, अनाज, अंडे, बर्फ, दूध और अन्य खाद्य पदार्थों जैसे आवश्यक सामान ले जाने वाले सभी ट्रकों को प्रतिबंध से छूट दी गई है। पेट्रोलियम उत्पादों को ले जाने वाले टैंकर भी प्रतिबंध से बाहर हैं।
आपको बता दें कि हर साल सर्दियों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता खतरनाक रूप से निम्न स्तर पर पहुंच जाती है। दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने के कारण पार्टिकुलेट मैटर 2.5 (पीएम 2.5) सबसे खतरनाक स्तर को भी पार कर जाता है। दिल्ली में वायु प्रदूषण के सांस लेने में दिक्कत और फेंफड़े से जुड़ी कई बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में आज सुबह आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 131 दर्ज किया गया जो मध्यम श्रेणी का था। हवा की गुणवत्ता के लिए सीपीसीबी वायु गुणवत्ता सूचकांक जारी करती है जो कि हवा में पार्टिकुलेट मैटर और कई अन्य तरह की गैसों और प्रदूषण के स्तर को माप कर तैयार किया जाता है।