यह देश इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने में नंबर 1, जानें क्या है भारत की रैंकिंग

ग्लोबल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी रेडीनेस इंडेक्स के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने में नॉर्वे पहले नंबर पर है, वहीं भारत 11वें नंबर पर रही है। इस सर्वें को ईवी व आईसीई वाहनों के मार्केट कंडीशन को ध्यान में रखते हुए तुलना करने के लिए डिजाईन किया गया है। इसमें 15 देशों को शामिल किया गया था। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पूरी दुनिया में ईवी के उपयोग में बढ़त दर्ज की गयी है।

यह देश इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने में नंबर 1, जानें क्या है भारत की रैंकिंग

इस सर्वे में ईवी अपनाने के ट्रेंड में चार पैरामीटर - बाजार, ग्राहक, इन्फ्रा व सरकार को ध्यान में रखा जाता है। इस सर्वे में 100 अंक पाने पर यह पता चलता है कि वहां इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना व चलाना उतना ही फायदेमंद है जितना कि आईसीई इंजन है। पूरी दुनिया में पिछले दो साल में इलेक्ट्रिक वाहन की मांग व बिक्री में बढ़त दर्ज की गयी है।

यह देश इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने में नंबर 1, जानें क्या है भारत की रैंकिंग

नॉर्वे को ग्लोबल स्तर पर 115 स्कोर प्राप्त किया है जो कि यह दिखाता है कि उस देश में इलेक्ट्रिक वाहन लोगों के बीच लोकप्रिय है। इसके बाद चीन (85), जर्मनी (76) व यूके (74) व सिंगापुर (74) रही है, जो दिखाता है कि जहां ईवी लोकप्रिय चुनाव बन चुका है और लोगों की पहली पसंद बन चुका है। कई जगहों पर तो यह आईसीई इंजन वाले वाहनों को पीछे छोड़ रहा है।

यह देश इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने में नंबर 1, जानें क्या है भारत की रैंकिंग

बात करें भारत की तो इसे 31 अंक प्राप्त हुए है, सबसे बड़ी समस्या खर्च व इन्फ्रा है। भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए फेम-2 स्कीम के तहत ईवी खरीदी पर छूट प्रदान कर रही है, इसके साथ ही देश के प्रमुख हाईवे पर चार्जिंग स्टेशन लगाये जा रहे हैं। हालांकि ईवी की कीमत लगातार बढ़ रही है और ऐसे में लोग इसे खरीदने से हिचक रहे हैं।

यह देश इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने में नंबर 1, जानें क्या है भारत की रैंकिंग

जो देश शुरुआती स्थान पर है जैसे भारत वह प्रमुख तौर पर खर्च पर ध्यान दे रहे हैं। वर्तमान भारत में करीब अलग-अलग सेगमेंट में 40 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल उपलब्ध है, ऐसे में ग्राहकों के बीच ढेर सारे विकल्प है, लेकिन चीन के मुकाबले भारत का ईवी का मार्केट शेयर कही नहीं टिकता है। चीन में कारबी 100 से अधिक ईवी मॉडल है जिसमें आधे से अधिक पैसेंजर कार है।

यह देश इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने में नंबर 1, जानें क्या है भारत की रैंकिंग

शुरुआती देशों में, प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, कीमतों में कमी आई है वह क्वालिटी बेहतर हुई है। वित्तीय वर्ष 2022 में इलेक्ट्रिक दोपहिया व तिपहिया की बिक्री में क्रमशः 132 प्रतिशत व 102 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उत्पादन बड़े स्तर पर पहुंच गया है, जिस वजह से कीमत में कमी आई है। यह बढ़ते आयल की कीमत की वजह इलेक्ट्रिक दोपहिया के खर्च आईसीई इंजन वाहन के मुकाबले कम हो गया है।

भारत में ईवी का भविष्य

भारत में ईवी का भविष्य

भारत में इस वित्तीय वर्ष 8 से 9 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया की बिक्री हो सकती है, हाल ही में सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) ने यह बात कही है। वित्तीय वर्ष 2022 में 3।40 लाख यूनिट इलेक्ट्रिक दोपहिया की बिक्री हुई थी लेकिन मौजूदा सभी समस्याओं के बावजूद इलेक्ट्रिक दोपहिया की बिक्री में 3 से 4 गुना बढ़त होने वाली है।

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एसएमईवी ने कहा कि आग लगने की घटनाओं को छोड़कर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सबकुछ अच्छा चल रहा है; पेट्रोल की कीमत में वृद्धि, अच्छे रेंज वाले नये प्रोडक्ट आ रहे हैं जिस वजह से ग्राहकों के पास ईवी को उपयोग करने का हिम्मत आ रहा है। ऐसे में हम उम्मीद कर सकते है कि इलेक्ट्रिक दोपहिया की बिक्री में 2 - 3 गुना वृद्धि होने वाली है।

ड्राइवस्पार्क के विचार

ड्राइवस्पार्क के विचार

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी आई है लेकिन अन्य देशों के मुकाबले यह कम है। यूरोप में 2030 के बाद आईसीई इंजन बंद होने वाले हैं लेकिन भारत में इस वर्ष तक कुल बिक्री का 30 प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य है। अब देखना होगा भारत कितनी तेजी से प्रगति करता है।

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Electric vehicle adoption rank 11 details
 
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