Just In
- 51 min ago
हार्ले-डेविडसन नाइटस्टर भारतीय बाजार में हुई लॉन्च, कंपनी ने डिलीवरी भी कर दी शुरू, जानें कीमत
- 2 hrs ago
राॅयल एनफील्ड को टक्कर देने आ रही है बजाज-ट्रायम्फ की बाइक, 350cc इंजन से होगी लैस
- 2 hrs ago
महिंद्रा बोलेरो मैक्स पिक-अप सिटी 3000 भारतीय बाजार में हुई लॉन्च, जानें क्या है कीमत और फीचर्स
- 3 hrs ago
नई जीप कंपास 5th एनिवर्सरी एडिशन भारतीय बाजार में हुई लॉन्च, क्या है कीमत और फीचर्स
Don't Miss!
- Education
UPSC CDS II Admit Card 2022 Download Link यूपीएससी सीडीएस 2 एडमिट कार्ड 2022 डाउनलोड करें
- Technology
'हर घर तिरंगा': मात्र 25 रुपये में घर ले आए देश की शान, जानिए कैसे
- Movies
आमिर खान ने कंफर्म कर दिया लाल सिंह चड्ढा में शाहरूख खान का कैमियो, बताई कैमियो की खास वजह
- News
तेजी से घट रही इस देश की आबादी, 1950 के बाद आया सबसे बड़ा जनसंख्या का संकट
- Finance
Digital Lending : आरबीआई ने तय किये नियम, अब ऐसे मिलेगा पैसा
- Travel
दुनिया का तीसरा सबसे ऊंचा मोटर योग्य दर्रा, चांग ला पास
- Lifestyle
Perfume लगाना महिलाओं के लिए खतरे से खाली नहीं, इससे हो सकता है कैंसर !
- Sports
जोकोविच ने कोरोना को लिया हल्के में, अब सामने आया राफेल नडाल का बयान
इलेक्ट्रिक कार के सड़क पर शांत रहने से एक्सीडेंट का खतरा, लगाए जाएंगे साउंड अलर्ट सिस्टम
इलेक्ट्रिक कार बस और ट्रक जैसे बड़े इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को अब अपने इलेक्ट्रिक वाहनों में साउंड अलर्ट सिस्टम को जोड़ना होगा ताकि सड़क पर चलने वाले अन्य वाहनों और लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन का पता चल सके। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय जल्द ही इसके संबंध में एक अधिसूचना जारी करेगा।

बताया जाता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों में इंजन नहीं होने के चलते सड़क पर चलने वाले लोगों और अन्य वाहनों को इसका पता नहीं चल पता। इस वजह से सड़क पर दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। एक रिसर्च में सामने आया है कि अधिक ट्रैफिक वाली सड़को पर इलेक्ट्रिक वाहनों से दुर्घटना होने के ज्यादा मामले सामने आये हैं। यह इसलिए क्योंकि धीमी गति से चल रही इलेक्ट्रिक कार से बिलकुल भी शोर नहीं होता है, जिसके वजह से सड़क पर चलने वाले लोगों और साइकिल चलाने वालों को कार के आने का पता नहीं चलता।

इस रिसर्च में बताया गया है कि 20-30 किमी/घंटा या इससे अधिक रफ्तार पर चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के टायर और मोटर से शोर होता है जिससे आस-पास जा रहे लोगों को कार के चलने का पता लग जाता है लेकिन अगर रफ्तार इससे कम हो तो इलेक्ट्रिक वाहन का बिलकुल भी पता नहीं लगता।

अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए, देश में वाहन स्टैंडर्ड निर्धारित करने वाली उच्चतम एजेंसी CMVR-TSC ने ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS) को नए नियम से संबंधित दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश दिया है। परिवहन मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक सूचना जारी कर विशेषज्ञों और हितधारकों से राय मांगी है।

आपको बता दें कि यूरोप और अमेरिका में इलेक्ट्रिक वाहनों में आवाज को लेकर ये नियम अनिवार्य कर दिए गए हैं। भारत में भी इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता बढ़ रही है जिससे ऐसे खतरे सामने आ सकते हैं।

जानकारी के अनुसार, सरकार अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर भारत में भी इलेक्ट्रिक वाहनों के सुरक्षा मानदंड तय कर रही है। अगर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता अपने वाहनों में साउंड अलर्ट सिस्टम को जोड़ते हैं तो इसके लिए उन्हें वाहन के डिजाइन में बदलाव करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

साउंड अलर्ट सिस्टम को अनिवार्य करने की अंतिम सूचना जारी होने के बाद सभी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को इसका पालन करना होगा। नितिन गडकरी ने पहले एक भाषण में बताया था कि वाहनों में हॉर्न की आवाज के जगह अलग-अलग वाद्य यंत्रों की आवाज को देने का नियम जल्द लाया जाएगा। उन्होंने बताया था कि ग्राहक को साधारण हॉर्न या वाद्य यंत्रों के हॉर्न को चुनने का विकल्प दिया जाएगा।

बता दें कि पिछले सप्ताह, एक अमेरिकी नियामक ने इलेक्ट्रिक वाहनों में कंपनी की पसंद का पेडिस्ट्रियन अलर्ट सिस्टम देने के आदेश को रद्द कर दिया है। अब इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियां केवल नियामक द्वारा तय किये गए साउंड अलर्ट का ही इस्तेमाल कर सकती हैं।