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डैटसन ने भारत में बंद किया कारोबार, अब नहीं बनेंगी ये कारें
निसान मोटर इंडिया ने भारत में अपनी डैटसन ब्रांड की कारों का उत्पादन बंद करने की घोषणा की है। कंपनी ने बुधवार को कहा कि वह Go, Go+ और redi-Go मॉडलों का उत्पादन बंद कर रही है। निसान ने कहा है कि डैटसन के मौजूदा ग्राहकों के लिए सेल्स और सर्विसिंग से जुड़ी सेवाएं जारी रखी जाएंगी। एक आधिकारिक बयान में, कंपनी ने कहा, "निसान की वैश्विक परिवर्तन रणनीति के हिस्से के रूप में, कंपनी मुख्य मॉडल और सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो ग्राहकों, डीलर भागीदारों और व्यापार के लिए सबसे अधिक लाभ लाती है। डैटसन रेडिगो का उत्पादन चेन्नई संयंत्र में बंद हो गया है।"
बढ़ रहा था घाटा
जनवरी से दिसंबर 2021 के बीच 12 महीने की अवधि में, डैटसन ने भारतीय बाजार में केवल 4,296 यूनिट्स बेचीं, जिसमें कार निर्माता की बाजार हिस्सेदारी सिर्फ 0.09 प्रतिशत थी। कंपनी के बंद होने का कारण लगातार कम सेल्स के आकड़ों को बताया जा रहा है।
मौजूदा ग्राहकों के लिए जारी रहेंगी सेवाएं
निसान ने अपने मौजूदा डैटसन ग्राहकों को सेवा, आफ्टरमार्केट पार्ट्स और वारंटी सेवाओं के साथ निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया है। कंपनी ने कहा कि निसान इंडिया का देश भर में एक मजबूत नेटवर्क है, जिसके चलते ग्राहकों को सर्विस टचप्वाइंट या वर्कशॉप तक पहुंचने में परेशानी नहीं होगी।
निसान ने अपने बयान में कहा, "हम सभी मौजूदा और भविष्य के डैटसन मालिकों को आश्वस्त कर सकते हैं कि ग्राहकों की संतुष्टि हमारी प्राथमिकता है, और हम अपने राष्ट्रीय डीलरशिप नेटवर्क से बिक्री के बाद सेवा, भागों की उपलब्धता और वारंटी समर्थन के उच्चतम स्तर प्रदान करना जारी रखेंगे।"
भारत में ऐसा रहा डैटसन का सफर
निसान इंडिया ने 2013 में डैटसन ब्रांड को भारत में लॉन्च किया था। भारत के साथ ही यह इंडोनेशिया और रूस जैसे उभरते बाजारों में छोटी और सस्ती कारों के साथ लॉन्च हुई थी। हालांकि, इन सभी बाजारों में कंपनी को कोई खास उपलब्धि नहीं मिली। भारत में जुलाई, 2013 के दिल्ली ऑटो एक्सपो में डैटसन की पहली कार 'गो' (Datsun GO) हैचबैक को लॉन्च किया गया था।
डैटसन गो को 2014 की शुरुआत में ग्राहकों के लिए उपलब्ध किया गया, और इसकी सबसे बड़ी बात स्वाभाविक रूप से इसकी कीमत थी, जो तब 3.12 लाख-3.69 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) के बीच थी। यह अपनी कीमत की तुलना में एक बड़ी और स्पेसियस हैचबैक थी। हालांकि, बाजार में मारुति सुजुकी और हुंडई की कारों से कड़ी टक्कर मिलने के कारण इसकी बिक्री कभी अच्छी नहीं रही।
गो के बाद, डैटसन ने 2015 की शुरुआत में भारत में गो+ कॉम्पैक्ट एमपीवी पेश की। गो+ अनिवार्य रूप से गो हैचबैक का तीन-पंक्ति संस्करण था, लेकिन सब-4-मीटर कार होने के कारण, इसे कम टैक्स का लाभ हुआ। भले ही गो+ की कीमत बहुत आकर्षक थी, लेकिन सीटों की तीसरी पंक्ति अनुपयोगी थी और निचले ट्रिम्स पर आवश्यक सुविधाओं की कमी लागत में कटौती का संकेत थी।
इस कारण बंद हुई कंपनी
डैटसन के भारत में कारोबार बंद करने के पीछे कई कारण रहे जिसके वजह से डैटसन ब्रांड ने भारत में वास्तव में कभी उड़ान नहीं भरी। भारत में लॉन्च होने के बाद डैटसन और उसकी जापानी सहयोगी ब्रांड, होवर ऑटोमोटिव इंडिया (एचएआई) के बीच साझेदारी समाप्त हो गई जिससे भारत में डैटसन की सेल्स और सर्विस नेटवर्क को अस्त-व्यस्त कर दिया।
हालांकि, डैटसन को सबसे ज्यादा नुकसान कंपनी की सख्त लागत-कटौती उपायों से हुआ, जिसने ब्रांड के उत्पादों को बाजार में पुराना और ऑउटडेटेड बना दिया। डैटसन के मॉडल खराब वेल्डिंग और वायरिंग, खराब प्लास्टिक की गुणवत्ता और बुनियादी उपकरणों और फीचर्स की कमी से ग्रस्त थे। डैटसन की ज्यादा कॉस्ट कटिंग से कार की समग्र गुणवत्ता खराब हो गई और यह भारतीय ग्राहकों को पसंद नहीं आई।