उत्सर्जन के आधार पर लगना चाहिए कारों पर टैक्स, निसान ने भारत सरकार को दिया सुझाव

जापान की कार निर्माता निसान मोटर ने सरकार को वाहनों पर टैक्स लगाने की नई प्रक्रिया का सुझाव दिया है। कंपनी ने वाहन पर टैक्स निर्धारित करने के लिए उत्सर्जन को आधार बनाने की शिफारिश की है। निसान मोटर इंडिया के एमडी राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार को पैसेंजर वाहनों पर लगाए जाने वाले टैक्स के आधार में बदलाव लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टैक्स का आधार गाड़ी का इंजन या आकार नहीं बल्कि उससे होने वाले उत्सर्जन के आधार पर होना चाहिए।

कारों पर टैक्स उत्सर्जन के आधार पर हो, निसान ने भारत सरकार को दिया सुझाव

मौजूदा समय में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) नियमों के तहत, पैसेंजर कारों पर 28 प्रतिशत जीएसटी दर लगाया जाता है। वहीं 1200cc से कम क्षमता वाली छोटी पेट्रोल कारों पर सरकार 1 प्रतिशत का सेस लगाती है, जबकि 1500cc से कम क्षमता वाली डीजल कारों पर 3 प्रतिशत का सेस लगाया जाता है।

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ऐसी एसयूवी जिनकी लंबाई 4 मीटर से ज्यादा है और ग्राउंड क्लीयरेंस 169 मिमी से अधिक है उनपर 50 प्रतिशत की दर से सरकार जीएसटी वसूलती है। वहीं हाइब्रिड वाहनों पर जीएसटी दर 43 प्रतिशत है, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर केवल 5 प्रतिशत की जीएसटी लगाई जाती है।

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निसान मोटर इंडिया के एमडी राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि समय आ गया है कि हम वाहनों पर लगाए जाने वाले कर नियमों में बदलाव करें और उसे उत्सर्जन के अनुसार बनाएं, ताकि लोगों को पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को खरीदने की प्रेरणा मिले।

कारों पर टैक्स उत्सर्जन के आधार पर हो, निसान ने भारत सरकार को दिया सुझाव

आपको बता दें कि निसान ने हाल ही में भारत में अपनी तीन नई एसयूवी को पेश किया है। कंपनी ने भारत में सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी की बढ़ती लोकप्रियता और हाइब्रिड वाहनों को देखते हुए भारत में अपनी तीन नई एसयूवी एक्स-ट्रेल, कैशकाई और जूक को पेश किया है। कंपनी मैग्नाइट की सफलता के बाद भारत में सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में विस्तार कर रही है। कंपनी देश में अपने उत्पाद लाइनअप को मजबूत करके भारत में अपने ग्राहक आधार का विस्तार करने के लिए अपनी स्थिति का लाभ उठाना चाहती है।

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यह तीनों एसयूवी कंपनी के इंटरनेशनल मॉडल हैं जिन्हें कंपनी बाहर से आयात करेगी। जापानी ब्रांड के अनुसार, कंपनी ने तीनों वाहनों का खुलासा किया है जिनमें से दो एसयूवी का परीक्षण चल रहा है, वहीं कंपनी एक्स-ट्रेल को पहले लॉन्च करेगी।

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निसान एक्स-ट्रेल कंपनी की प्रीमियम एसयूवी है, जो 5-सीट या 7-सीट मॉडलों में उपलब्ध की जाएगी। भारत में इसका मुकाबला फॉक्सवैगन टिगुआन और स्कोडा कोडिएक से होगा। इसे 2.5-लीटर पेट्रोल इंजन और 1.5-लीटर टर्बो-पेट्रोल माइल्ड-हाइब्रिड पावरट्रेन के साथ विदेशों में बेचा जा रहा है। निसान एक्स-ट्रेल को भारत में 2-व्हील ड्राइव और ऑल व्हील ड्राइव संस्करणों में भी पेश किया गया है।

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निसान द्वारा पेश की गई दो अन्य एसयूवी कैशकाई और जूक अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेहद लोकप्रिय हैं। निसान कैशकाई 5-सीटर एसयूवी है जो एक्स-ट्रेल से थोड़ी छोटी है और विश्व स्तर पर जीप कम्पास और हुंडई टक्सन को टक्कर देती है। एक्स-ट्रेल के समान मूल आधार का उपयोग करते हुए, तीसरी पीढ़ी के कैशकाई में टर्बो-पेट्रोल माइल्ड-हाइब्रिड और ई-पावर वेरिएंट का विकल्प भी दिया गया है।

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निसान जूक एक फंकी और मॉडर्न डिजाइन वाली कार है। यह भारत में युवा ग्राहकों को सबसे ज्यादा पसंद आएगी। निसान जूक 1.6-लीटर टर्बो-पेट्रोल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इंजन द्वारा संचालित है। भारत में लॉन्चिंग के बाद यह एसयूवी टोयोटा हाईराइडर और मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा को कड़ी टक्कर दे सकती है।

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English summary
Cars should be taxed upon emission levels says nissan india details
Story first published: Thursday, October 20, 2022, 10:53 [IST]
 
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