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Vehicle Scrapping Policy: पुराने वाहन फैला रहे हैं अधिक प्रदूषण, 1 करोड़ वाहनों को किया जाएगा स्क्रैप
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2021 को पेश करने के दौरान पुराने वाहनों को हटाने के लिए वाहन स्क्रैपिंग नीति लाने की घोषणा की है। इस पॉलिसी के लागू होने के बाद देश में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का रिकॉर्ड तैयार कर उन्हें हटाया जाएगा। इस नीति के तहत 15 साल से अधिक पुराने कमर्शियल वाहनों और 20 साल से ज्यादा पुराने प्राइवेट वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा।
बता दें कि केंद्र सरकार यह नीति पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को बंद करने के लिए लाना चाहती है। स्क्रैपिंग नीति लागू होने के बाद नए वाहन पुराने वाहनों की जगह लेंगे जो ईंधन की अधिक बचत करेंगे साथ ही उत्सर्जन भी कम करेंगे।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया है कि नए और फ्यूल एफिसिएंट वाहनों के आने से ईंधन की कम खपत होगी जिससे सरकार को तेल निर्यात भी कम करना पड़ेगा और विदेश मुद्रा भंडार की बचत होगी।
उन्होंने बताया कि स्क्रेपिंग निति के आने से देश में नए रोजगार भी उत्पन्न होंगे। केंद्र सरकार स्क्रैपिंग नीति के तहत 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली है जिससे 50,000 नौकरियां सृजित होंगी। उन्होंने बताया कि नीति के तहत लगभग 1 करोड़ पुराने भारी, मध्यम और हल्के वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा।
इस नीति के तहत 20 साल से अधिक पुराने 51 लाख हल्के मोटर वाहन, 15 साल से ज्यादा पुराने 34 लाख हल्के मोटर वाहन और 17 लाख से अधिक मध्यम और भारी वजन के मोटर वाहन जो 15 साल से अधिक पुराने हैं, उन्हें स्क्रैपिंग के लिए चिन्हित किया गया है। इन सभी वाहनों का वैद्य फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं है।
गडकरी ने बताया कि ऐसे वाहन नए वाहनों के मुकाबले 10-12 गुणा अधिक उत्सर्जन करते हैं। इस नीति के फायदे बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे पुराने धातु की रीसाइक्लिंग, बेहतर सुरक्षा, वायु प्रदूषण में कमी, वर्तमान वाहनों की अधिक ईंधन दक्षता के कारण तेल आयात कम होगा और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि पॉलिसी को 15 दिनों के अंदर अंतिम रूप दे दिया जाएगा। निर्मला सीतारमण ने स्क्रैपिंग नीति को पेश करते हुए कहा था कि 20 साल से अधिक पुराने पर्सनल वाहन और 15 साल से अधिक पुराने कमर्शियल वाहनों को वाहन फिटनेस दोबारा करवाना अनिवार्य है।
नितिन गडकरी ने बताया कि स्क्रैपिंग नीति का प्रारूप कैबिनेट को 15 जनवरी को ही सौंप दिया गया है। अब केंद्र सरकार से इस नीति पर मुहर का इंतजार किया जा रहा है।
नितिन गडकरी ने कहा कि पुराने वाहनों को रीसायकल करने से नए वाहनों की लागत को कुमा किया जाएगा जिससे नए वाहन सस्ते होंगे। इस नीति के आने के बाद भारत ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन कर उभरेगा।