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FADA: वाहनों की डिमांड और डिस्पैच 10 साल में सबसे कम, त्योहारों में भी नहीं बढ़ रही बिक्री
हर साल की तरह इस साल भी त्योहारों पर ऑटो कंपनियों को अच्छी बिक्री की उम्मीद थी लेकिन यह साल ऑटो कंपनियों के लिए अच्छा नहीं रहा। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने देश भर में ऑटो डीलरशिप के लिए कारोबार के मामले में मौजूदा त्योहारी सीजन को एक दशक में सबसे खराब करार दिया है।
फाडा (FADA) ने कोरोना महामारी के साथ-साथ सेमीकंडक्टर चिप्स की वैश्विक कमी को वाहनों की कमजोर मांग का जिम्मेदार ठहराया है। फाडा ने कहा कि चिप की कमी के कारण वाहन कंपनियां समय पर डीलरों को वाहन डिस्पैच नहीं कर पा रही हैं जिससे बिक्री प्रभावित हो रही है।
फाडा के अनुसार, एसयूवी और लग्जरी गाड़ियों की बिक्री चिप की कमी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। फाडा का कहना है कि एंट्री लेवल पैसेंजर कारों की मांग में भी सुस्ती देखने को मिली है। इसके अलावा ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण टू-व्हीलर वाहनों की मांग में भी गिरावट आई है।
इसके अलावा, लोग आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के लिए बचत करने की कोशिश कर रहे हैं, और उच्च मूल्य की खरीदारी से परहेज कर रहे हैं। फाडा द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2020 की तुलना में इस साल अक्टूबर में डीलर डिस्पैच में 22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। जहां पिछले साल अक्टूबर में डीलरों को यात्री कारों का डिस्पैच 3,33,981 यूनिट था वहीं इस साल अक्टूबर में यह गिर कर 2,60,162 यूनिट रह गया है।
इसी तरह दोपहिया वाहनों का डिस्पैच अक्टूबर 2021 में 25.6 प्रतिशत घटकर 14,77,313 यूनिट रह गया जो पिछले साल अक्टूबर में 19,85,690 यूनिट था। हालांकि, लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियों तेजी के कारण वाणिज्यिक वाहनों (Commercial Vehicles) के क्षेत्र में स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर रही है।
इस खंड में साल-दर-साल के आधार पर 3.21 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। अक्टूबर 2021 में महीने में डीलरों को 61,325 यूनिट कमर्शियल वाहन डिस्पैच किये गए, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 59,420 यूनिट का था। उद्योग निकाय FADA 15,000 से अधिक ऑटो डीलरों का प्रतिनिधित्व करता है, जिनके पास देश भर में 26,500 से अधिक आउटलेट हैं।
अक्टूबर 2021 में मारुति सुजुकी, हुंडई, महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी प्रमुख कार निर्माताओं समेत लगभग कंपनियों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में त्योहारों के बावजूद कंपनियों की बिक्री बेहतर नहीं चल रही है। हालांकि, कंपनियों को उम्मीद है कि दिसंबर तक मांग में एक बार फिर बढ़ोतरी हो सकती है।