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टेस्ला कार के इस फीचर से जान पर आ सकती है आफत, ग्राहक कर रहे बैन करने की मांग
टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारें अपनी रेंज और फीचर्स के कारण दुनिया भर में काफी लोकप्रिय हैं। हालांकि, पिछले कुछ सालों में टेस्ला की कारों से हो रही दुर्घटनाओं के चलते कंपनी पर कई सवाल भी उठ रहे हैं। टेस्ला को सबसे अधिक समस्या उसकी इलेक्ट्रिक कारों में दी जाने वाली सेल्फ ड्राइविंग सिस्टम के गलत इस्तेमाल के वजह से झेलनी पड़ रही है। अमेरिका सहित दुनिया भर के कई देशों से टेस्ला की कारों से जुड़े ऐसे कई मामले सामने आये हैं जहां सेल्फ ड्राइविंग मोड पर कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हालांकि, इसपर कंपनी का कहना है कि सेल्फ ड्राइविंग मोड का इस्तेमाल करते समय भी ड्राइवर को हमेशा चौकन्ना रहने की जरूरत है।
हालांकि, अब टेस्ला कार के ही एक ग्राहक ने कार के ही एक ऐसे फीचर पर सवाल खड़ा किया है जिससे ड्राइविंग करते समय ध्यान भटकने का खतरा रहता है। ग्राहक का कहना है कि कार के टचस्क्रीन में कई तरह के वीडियो गेम खेलने की सुविधा दी गई है, जिसे कार चालक ड्राइविंग करते समय भी खेल सकता है।
टेस्ला कार के मालिक का कहना है कि इससे कार चालक को कार को सेल्फ ड्राइविंग मोड में डालकर गेम खेलने की आदत लग सकती है, जो सड़क पर दुर्घटना का कारण बन सकता है। कार मालिक ने यूएस की हाईवे और ट्रैफिक सेफ्टी एजेंसी को टेस्ला कार के इस फीचर के बारे में सूचित किया, जिसके बाद एजेंसी ने सड़क पर सुरक्षा को लेकर टेस्ला से जवाब मांगा है।
सड़क सुरक्षा एजेंसी का कहना है कि ड्राइविंग करते समय वीडियो गेम खेलना कार चालक और सड़क पर चल रहे अन्य लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है। ड्राइविंग करते समय वीडियो गेम खेलने से ड्राइवर का ध्यान भटक सकता है जिससे गंभीर हादसा हो सकता है।
सड़क सुरक्षा एजेंसी ने टेस्ला को जल्द से जल्द एक सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिये इस फीचर को अपनी सभी कारों से हटाने का निर्देश दिया है। एजेंसी का कहना है कि कार की स्क्रीन पर केवल उसी समय गेम खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए जब कार पार्किंग में खड़ी हो या चार्ज हो रही हो।
आपको बता दें कि टेस्ला भारत में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। हाल ही में कंपनी ने कार के चार्जर यूनिट को भारत में इम्पोर्ट किया है। टेस्ला ने भारत में 150kW के चार्जिंग ग्रिड को मंगाया है जिसमें दो चार्जिंग सॉकेट, Type 2 और CCS2 दिए गए हैं। टेस्ला के चार्जिंग स्टेशन कहां उपलब्ध होंगे, इसकी भी जानकारी साझा नहीं की गई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेस्ला भारत में 'मॉडल 3' और 'मॉडल Y' इलेक्ट्रिक कारों की टेस्टिंग कर रही है। कंपनी ने भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री के लिए सरकार से एनओसी भी प्राप्त कर लिया है। पिछले साल टेस्ला ने भारत के तीन महानगरों, मुंबई, बेंगलुरु और दिल्ली में अपने डीलरशिप खोलने की घोषणा की थी।
टेस्ला ने अपनी इलेक्ट्रिक कारों में आयात करों (इम्पोर्ट ड्यूटी) को कम करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से आग्रह किया था। टेस्ला ने कहा था कि वह इस साल भारतीय बाजार में इम्पोर्टेड इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री शुरू करना चाहती है लेकिन इससे पहले कंपनी चाहती है कि उसकी कारों पर लगने वाले आयात शुल्क को कम किया जाए।
हालांकि, टेस्ला के इस अपील पर भारत सरकार ने अपनी निष्पक्ष व्यापार नीति का हवाला देते हुए टेस्ला को आयात करों की मौजूदा दरों का पालन करने का निर्देश दिया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में 40,000 डॉलर या उससे कम लागत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 60% का आयात शुल्क और 40,000 डॉलर से अधिक कीमत वाले वाहनों पर 100% आयात शुल्क लगाया जाता है। इन दरों पर टेस्ला कारें भारत में खरीदारों के लिए बहुत महंगी हो जाएंगी जिससे उनकी बिक्री सीमित हो जाएगी।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मार्च में कहा था कि अगर टेस्ला भारत में स्थानीय तौर पर इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन शुरू करने के लिए तैयार होगी, तो सरकार कंपनी को प्रोत्साहन दे सकती है ताकि चीन के मुकाबले भारत में इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन सस्ता हो सके।
टेस्ला अपनी सबसे लोकप्रिय 'मॉडल 3' इलेक्ट्रिक कार के साथ भारत में एंट्री कर सकती है। चूंकि टेस्ला ने अभी तक भारत में अपनी खुद की विनिर्माण सुविधा स्थापित नहीं की है, इसलिए भारतीय में सबसे पहले बेची जाने वाली कारों को सीबीयू (पूरी तरह से निर्मित इकाई) मार्ग के माध्यम से आयात किए जाने की संभावना है। जानकारी के मुताबिक टेस्ला मॉडल 3 की कीमत लगभग 70 लाख रुपये हो सकती है।