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अब नहीं होगी सेमीकंडक्टर की कमी, Tata फैक्ट्री लगाने की बना रही योजना
Tata Group भारत में सेमीकंडक्टर की फैक्ट्री लगाने की योजना बना रही है और इसके लिए कंपनी 300 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपये) का निवेश करने वाली है। इस फैक्ट्री के लिए Tata Group वर्तमान में कर्नाटक, तमिल नाडु व तेलंगाना राज्यों की सरकार से बात कर रही है, अनुमान है कि 2022 के अंत तक इस फैक्ट्री की शुरुआत की जा सकती है।
कुछ समय पहले यह खबर आई थी कि कंपनी सेमीकंडक्टर के बिजनेस में आने की योजना बना रही है लेकिन अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की गयी थी लेकिन यह पहली बार है जब इसकी जानकारी सामने आई है। यह टाटा ग्रुप के हाई-टेक निर्माण के क्षेत्र में पकड़ बनाने की ओर एक बड़ा कदम है। यह एक आउटसौर्स्ड सेमीकंडक्टर असेम्बली एंड टेस्ट प्लांट होने वाला है।
ऐसे प्लांट में सिलिकॉन वेफर्स की पैकेजिंग, असेम्बलिंग व टेस्ट किया जाता है और फिर इन्हें सेमीकंडक्टर चिप्स में परिवर्तित किया जाता है। सूत्रों के अनुसार बताया गया कि वे (टाटा) सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में ताकतवर है लेकिन हार्डवेयर ऐसी चीज है वह अपने पोर्टफोलियो में जोड़ना चाहते हैं, जो कि लंबे समय के लिए कारगर होगा। हालांकि अभी तक टाटा ग्रुप या तीन राज्यों की सरकार ने इस पर कुछ नहीं कहा है।
अनुमान है कि इस फैक्ट्री में काम अगले साल के अंत तक शुरू किया जा सकता है और यहां पर 4000 लोगों को काम मिल सकता है। जैसे ही टाटा इस प्लांट की शुरुआत करती है तो फिर इसके आसपास ईकोसिस्टम भी तैयार हो जाएगा, ऐसे में लेबर के हिसाब से सही जगह का चुनाव बहुत जरुरी है। इसके अलावा टाटा हाई टेक इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन फैक्ट्री भी तमिल नाडु में लगाने जा रही है।
स्क्रैपिंग फैक्ट्री भी लगा रही टाटा
टाटा मोटर्स जल्द ही गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में एक फ्रेंचाइजी के तहत वाहन स्क्रैपेज केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है। कंपनी अगले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में गुजरात सरकार की मदद से पहला स्क्रैपिंग संयंत्र लगाएगी। कंपनी ने गुजरात में स्क्रैपिंग यूनिट लगाने के लिए फ्रेंचाइजी आमंत्रित किया है। फ्रेंचाइजी लेने के इच्छुक साझेदारों को कंपनी ने आशय पत्र (एलओआई) भी भेजना शुरू कर दिया है।
अहमदाबाद स्थित स्क्रैपेज सेंटर को यात्री और वाणिज्यिक वाहनों दोनों के लिए विकसित किया जाएगा, और इसकी क्षमता सालाना 36,000 वाहनों को रीसायकल करने की होगी। एक रिपोर्ट के अनुसार देश में हर साल करीब 25,000 ट्रक खराब हो जाते हैं जिन्हें स्क्रैप करने के लिए देश में पर्याप्त स्क्रैपिंग यूनिट नहीं है।
टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक और अध्यक्ष (वाणिज्यिक वाहन) गिरीश वाघ ने कहा, "टाटा मोटर्स ने यूरोपीय विशेषज्ञों के साथ करार किया है और उनकी मदद से अहमदाबाद में स्क्रैपिंग सेंटर विकसित किया है। हम कंपनी फ्रेंचाइजी व्यवस्था के माध्यम से स्क्रैपिंग यूनिट को तैनात करने जा रहे हैं।"
वाणिज्यिक वाहनों के लिए बिक्री के दृष्टिकोण के बारे में बताते हुए, वाघ ने कहा कि पहली तिमाही में उद्योग में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई और कंपनी उद्योग की तुलना में अधिक बढ़ी। उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि इस साल जीडीपी की वृद्धि दर लगभग 9-10 प्रतिशत होनी चाहिए, जैसा कि आरबीआई ने संकेत दिया है, हम उम्मीद करते हैं कि उद्योग पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत बढ़ेगा।"
ऑटो प्रमुख वाणिज्यिक वाहन खंड में विभिन्न मॉडलों के इलेक्ट्रिक और सीएनजी संस्करणों सहित नए उत्पादों को पेश करने पर भी विचार कर रही है। वैश्विक चिप की कमी के बारे में, उन्होंने कहा कि टाटा मोटर्स दिन-प्रतिदिन के आधार पर इस मुद्दे से निपट रहा है, फिर भी यह कंपनी के छोटे वाणिज्यिक वाहनों और मध्यवर्ती वाणिज्यिक वाहनों के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है।
ड्राइवस्पार्क के विचार
वर्तमान में दुनिया भर के वाहन निर्माता सेमीकंडक्टर के लिए मुख्य रूप से चीन पर निर्भर है और ऐसे में कोविड के चलते सभी को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। ऐसे में इस क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने के लिए टाटा ग्रुप सेमीकंडक्टर का प्लांट ल्गाकाने जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति को टाला जा सके।
Source: ETAuto