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दुनियाभर में यात्री वाहनों की बिक्री हुई कम, जानें अमेरिका, यूरोप और चीन मैं कैसी रही कारों की बिक्री
अक्टूबर के महीने में दुनियाभर में यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। पैसेंजर वाहनों की बिक्री में कमी की सबसे बड़ी वजन सेमीकंडक्टर चिप की कमी को माना जा रहा है। अधिकतर प्रमुख वाहन निर्माताओं ने वाहन उत्पादन में चिप की कमी को उद्योग के लिए चुनौती माना, जिसके वजह से बाजार में यात्री वाहनों की सप्लाई कम हो गई है। कंपनियों का कहना है कि बाजार में मांग कम नहीं है लेकिन वाहनों की सप्लाई बाधित होने के वजह से बिक्री प्रभावित हो रही है। आइये जानते हैं पिछले महीने अन्य देशों में वाहनों की बिक्री कैसी रही।
अमेरिका में वाहनों की बिक्री 20% घटी
अमेरिका यात्री वाहनों का प्रमुख निर्माता है। हालांकि, कोरोना महामारी और सेमीकंडक्टर की कमी ने भी अमेरिकी वाहन कंपनियों को बुरी तरह प्रभावित किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में इस साल अक्टूबर में यात्री वाहनों की बिक्री पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 20 फीसदी कम रही।
चिप की कमी के कारण यात्री वाहनों की प्रमुख निर्माता फोर्ड की बिक्री 4 प्रतिशत घटी, तो वहीं होंडा और हुंडई की बिक्री भी लगातार तीसरे महीने में कम रही। अमेरिका की प्रमुख निवेश अनुसंधान फर्म सीएफआरए (CFRA) का कहना है कि देश में हर वाहन निर्माता कोरोना महामारी के चलते हो रही चिप की कमी और कम बिक्री से प्रभावित है। अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रही तो वाहन निर्माताओं के लिए घातक सभीत हो सकती है।
चीन में वाहनों की बिक्री 12% हुई कम
चीन यात्री वाहनों का सबसे बड़ा बाजार है। हालांकि, चीन सेमीकंडक्टर चिप के लिए आत्मनिर्भर है लेकिन यहां भी इस साल वाहनों की बिक्री कम हुई है। चाइना ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (CADA) के अनुसार, अक्टूबर 2021 में चीन में वाहनों की बिक्री में 12 प्रतिशत की कमी आई है।
वाहनों की बिक्री में कमी का मुख्य कारण चीनी अर्थव्यवस्था में आई मंदी को बताया जा रहा है। चीन का रियल स्टेट और ऑटो सेक्टर कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वाहनों की कम बिक्री को देखते हुए कंपनियों ने उत्पादन कम कर दिया है। इसके अलावा कम मांग के चलते चीनी कंपनियों ने वैश्विक बाजार में भी निर्यात कम कर दिया है।
यूरोप में पुराने वाहनों की डिमांड बढ़ी
यूरोप में कोरोना महामारी के चलते कई वाहन निर्माताओं ने कुछ महीनों तक उत्पादन में कटौती की, जबकि कई कंपनियों ने पूरी तरह उत्पादन बंद कर दिया था। इस वजह से अब यूरोप के बाजारों में नए वाहनों की कमी हो गई है जिसके कारण पुरानी कारों के डिमांड बढ़ गई है। पुरानी कारों ने डिमांड इतनी ज्यादा है की ये कुछ जगहों पर नई से भी अधिक कीमत पर बिक रही हैं।
ऑटोमोटिव न्यूज यूरोप के अनुसार, स्पेन में नए वाहनों की बिक्री 21 प्रतिशत गिर कर केवल 59,044 यूनिट ही रह गई, जबकि पिछले महीने (अक्टूबर में) वाहनों की बिक्री में 37 प्रतिशत की भरी गिरावट दर्ज की गई है। यूरोप के वाहन बाजार में इस साल को 'काला वर्ष' भी कहा जा रहा है। फ्रांस की बात करें तो, यहां अक्टूबर 2021 में यात्री वाहनों की बिक्री 1,18,521 यूनिट हुई जो अक्टूबर 2020 की बिक्री से 31 प्रतिशत कम थी। जर्मनी में भी पिछले महीने कारों की बिक्री 34 प्रतिशत कम रही।
भारत में यात्री वाहनों की बिक्री 22% हुई कम
भारत में त्योहारों के शुरू होने से बाजार में रौनक दिखी, लेकिन लोगों ने पिछले साल के जैसे इस साल नई कारों को खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। अक्टूबर 2021 में देश में यात्री वाहनों की बिक्री 22 प्रतिशत घटकर 2.60 लाख यूनिट रह गई, जो पिछले साल इसी अवधि में 3.33 लाख यूनिट से भी ज्याद थी।
देश की दो सबसे बड़ी वाहन निर्माताओं मारुति सुजुकी और हुंडई की बिक्री में क्रमशः 33.40% और 34.60% की गिरावट दर्ज की गई। फेडरेशन और ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अनुसार, भारत में इस त्योहारी सीजन में पिछले 10 सालों में सबसे कम बिक्री रही।