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डीजल कारों को बेचने से बचें वाहन कंपनियां, नितिन गडकरी ने की अपील
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने वाहन निर्माताओं से डीजल कारों का उत्पादन और बिक्री कम करने की अपील की है। गडकरी ने कहा कि वाहन कंपनियों को ऐसी तकनीकों को बढ़ावा देना चाहिए जो प्रदूषण को कम करने में सहायक हों। गडकरी ने बुधवार को ऑटो उद्योग निकाय सियाम (SIAM) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कार्बन उत्सर्जन को रोकने के प्रयास में कार निर्माताओं को डीजल के विकल्प खोजने के लिए अधिक धन खर्च करना चाहिए।
गडकरी ने कहा, ''मैं वाहन निर्माताओं से डीजल इंजन वाले वाहनों के उत्पादन और बिक्री को हतोत्साहित करने की अपील करता हूं। डीजल आधारित प्रदूषण पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। उद्योग को वैकल्पिक ईंधन तकनीक को बढ़ावा देना चाहिए और वैकल्पिक ईंधन के लिए अनुसंधान एवं विकास (Research and Development) के लिए फंड देना चाहिए।"
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने फ्लेक्स-फ्यूल इंजन पेश करने के प्रस्ताव के साथ अपने इरादे स्पष्ट कर दिए, जो ईंधन के रूप में इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल का समर्थन करते हैं। केंद्र ने पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल-मिश्रण प्राप्त करने से पहले ही कट-ऑफ तारीख को अंतिम रूप दे दिया है।
गडकरी ने कहा कि वाहन निर्माताओं को लोगों को ऐसे वाहनों का विकल्प देना चाहिए जो 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत बायो-एथेनॉल पर वाहन चलाने का विकल्प देती हैं। ऐसे वाहनों को अनुमति देने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि फ्लेक्स फ्यूल इंजन की तकनीक आसानी से उपलब्ध है, अगर वाहन कंपनियां चाहें तो भारत की ऑटो इंडस्ट्री क्लीन फ्यूल की तरफ एक बड़ा कदम उठा सकती हैं।
गडकरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत में कार कंपनियां ग्राहकों को अधिक विकल्प प्रदान करने के लिए जल्द से जल्द E20-संगत वाहनों को लॉन्च करेंगी। E20 20 प्रतिशत इथेनॉल और 80 प्रतिशत पेट्रोल का मिश्रण है। उन्होंने कहा, "यह हमारे आयात बिल में कटौती करने और पर्यावरण से समझौता किए बिना हमारे किसानों को सीधा लाभ देने में बेहद मददगार होगा।"
कांफ्रेंस में गडकरी ने हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाले वाहनों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि मंत्रालय हाइड्रोजन ईंधन पर चलने वाले वाहनों की संभावनाओं को तलाश रहा है। उन्होंने कहा, ""ग्रीन-हाइड्रोजन भविष्य के लिए ईंधन है। हमें इसके उत्पादन, परिवहन और भंडारण के लिए उपयुक्त तकनीकों को खोजने की जरूरत है।"
गडकरी ने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को ग्राहकों के लिए अधिक व्यवहार्य विकल्प बनाने के लिए, कम लागत वाली स्वदेशी बैटरी तकनीक को विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए चार्जिंग बुनियादी ढांचे का विकास बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कार निर्माताओं को भारत में बेचे जाने वाले वाहनों के लिए क्रैश सेफ्टी, बॉडी डिजाइन और कॉरपोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी (CAFE) मानदंडों के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए।