फ्लेक्स इंजन कारों को लेकर सरकार उठा सकती है बड़ा कदम, कुछ दिनों में जारी होगा आदेश

केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अगले कुछ दिनों के अंदर फ्लेक्स इंजन कारों को अनिवार्य करने के लिए आदेश जारी करेंगे। गडकरी ने कहा कि गडकरी ने कहा कि टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन, सुजुकी और हुंडई के आला अधिकारियों ने जल्द ही फ्लेक्स इंजन कारों का निर्माण शुरू करने का भरोसा दिया है। फ्लेक्स-ईंधन, गैसोलीन और मेथनॉल या इथेनॉल के संयोजन से बना एक वैकल्पिक ईंधन है।

फ्लेक्स इंजन कारों को लेकर सरकार उठा सकती है बड़ा कदम, कुछ दिनों में जारी होगा आदेश

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, गडकरी ने कहा कि भारत हर साल 8 लाख करोड़ रुपये के पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करता है और अगर देश जीवाश्म ईंधन पर निर्भर रहता है, तो अगले पांच वर्षों में इसका आयात बिल बढ़कर 25 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।

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उन्होंने आगे कहा, "जीवाश्म ईंधन के आयात को कम करने के लिए, मैं अगले 2-3 दिनों में एक आदेश जारी करने जा रहा हूं, जिसमें कार निर्माताओं को फ्लेक्स-फ्यूल इंजन वाले वाहन (जो एक से अधिक ईंधन पर चल सकते हैं) बनाने के लिए कहा जाएगा। गडकरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वाहन निर्माता सरकार के निर्णय का समर्थन करेंगे और ग्राहकों को फ्लेक्स इंजन वाले वाहनों को विकल्प प्रदान करेंगे।

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गडकरी ने कहा कि वाहन निर्माताओं को ऐसे वाहनों का विकल्प देना चाहिए जो 100 प्रतिशत पेट्रोल या बायो-इथेनॉल पर चल सकें। ऐसे वाहनों को अनुमति देने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि फ्लेक्स फ्यूल इंजन की तकनीक आसानी से उपलब्ध है, अगर वाहन कंपनियां चाहें तो भारत की ऑटो इंडस्ट्री क्लीन फ्यूल की तरफ एक बड़ा कदम उठा सकती हैं।

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भारत सरकार ने ईंधन के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए फ्लेक्स फ्यूल के इस्तेमाल पर जोर दे रही है। इसके लिए सरकार ने पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। 8 मार्च को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर E20 ईंधन के उपयोग को मंजूरी दे दी है। E20 ईंधन में 20 प्रतिशत इथेनॉल और 80 प्रतिशत पेट्रोल का मिश्रण होता है।

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ये हैं फ्लेक्स फ्यूल के फायदे

फ्लेक्स फ्यूल से भारत में हर साल 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के इथेनॉल का कारोबार किया जा सकता है। इथेनॉल के उपयोग से पेट्रोल का आयात कम होगा और करोड़ों रुपये के राजस्व की बचत भी की जा सकेगी। इसके अलावा इथेनॉल मिश्रित फ्लेक्स फ्यूल के इस्तेमाल से वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी कम होगा।

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ब्राजील, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में फ्लेक्स फ्यूल पर चलने वाले वाहनों का उत्पादन किया जाता है। यहां ग्राहक 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत इथेनॉल पर चलने वाले वाहनों का विकल्प चुन सकते हैं।

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पेट्रोल से सस्ती मिलेगी इथेनॉल फ्यूल

बायो फ्यूल यानी इथेनॉल की कीमत पेट्रोल से 30-35 रुपये सस्ती हो सकती है। पूरी तरह इथेनॉल पर चलने वाले वाहनों पर पेट्रोल की कीमतों में होने वाले बदलाव का असर नहीं पड़ेगा। नितिन गडकरी ने कहा है कि इथेनॉल को तैयार करने के लिए हमारे देश में पर्याप्त मात्रा में मक्के, गन्ने और गेहूं की खेती की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर वाहन कंपनियां फ्लेक्स इंजन वाहनों को उतारें, तो हमें सस्ते ईंधन का फायदा मिलेगा साथ ही प्रदूषण से लड़ने में भी मदद मिलेगी।

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Hindi
English summary
Nitin gadkari to issue order regarding mandatory flex engine cars soon
Story first published: Tuesday, November 30, 2021, 14:11 [IST]
 
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