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Gadkari Asks Auto Companies To Cut Imports: नितिन गडकरी ने की वाहन कंपनियों से आयात कम करने की अपील
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार वाहन कंपनियों से विदेश आयात को कम करने की मांग की है। उन्होंने कंपनियों से अपील की है कि महंगे आयात को कम कर ऑटो क्षेत्र में अधिक स्थानीय विनिर्माण पर जोर देने की आवश्यकता है। शुक्रवार को, उन्होंने 'मेक इन इंडिया' अभियान के लिए कंपनियों को नए सिरे से भारत में उपकरणों का निर्माण करने की आवश्यकता को दोहराया है।
पिछले महीने एक आयोजन के दौरान वाहन कंपनियों को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने ऑटो क्षेत्र में स्थानीय निर्माण को 70 से 100 प्रतिशत करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि ऑटो कम्पोनेंट के लिए चीन पर निर्भरता को समाप्त करना जरूरी है। उन्होंने स्थानीय निर्माण पर जोर देते हुए कहा कि इससे वाहन उत्पादन की लागत में कमी आएगी साथ ही देश में रोजगार भी बढ़ेगा।
पिछले महीने, गडकरी ने ऑटोमोबाइल विनिर्माण कंपनियों से अनुरोध किया था कि वे ऑटो पार्ट निर्माण को पूरी तरह से स्थानीय बनाने के प्रस्ताव को गंभीरता से लें। उन्होंने कहा था कि यदि उद्योग ऐसा करने में विफल रहता है, तो सरकार आयात पर अधिक सीमा शुल्क बढ़ाने के बारे में सोचेगी जिससे निर्माण लागत में बढ़ोतरी होगी।
गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रतिवित योजना के तहत परिवहन मंत्रालय सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने में सरकार निवेश कर रही है। मौजूदा समय में देश में एक दिन में 34 किलोमीटर सड़कें बनाई जा रही हैं। देश के रोड नेटवर्क का विश्व में दूसरा स्थान है।
मौजूदा समय में ऑटो उद्योग का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 7 प्रतिशत का योगदान है। वाहन उत्पादन के स्थानीयकरण से देश में छोटे उद्योग-धंधों को बल मिलेगा, रोजगार में इजाफा होगा जिसका असर जीडीपी में दिख सकता है।
देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्र सरकार 62,000 इलेक्ट्रिक कार और बसों के साथ 15 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक टू और थ्री-व्हीलर की खरीद पर सब्सिडी देने की घोषणा की है। सरकार ने फेम (FAME) नीति के दूसरे चरण के लिए 10,000 करोड़ रूपये के बजट को मंजूरी दी है।
इलेक्ट्रिक वाहन चालकों के बीच वाहन की रेंज की समस्या के समाधान के लिए चार्जिंग स्टेशनों की उपलब्धता बढ़ाई जा रही है। गडकरी ने बताया की सरकार सुरक्षा मानकों को पूरा करने वाले सभी इलेक्ट्रिक टू, थ्री और फोर व्हीलर वाहनों का पंजीकरण कर रही है। भारी उद्योग मंत्रालय की सूचना के अनुसार देश में 98 इलेक्ट्रिक वाहन मॉडलों को 8 फरवरी 2021 तक फेम (FAME) इंडिया स्कीम फेज -2 के तहत पंजीकृत किया गया है।
वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 5 प्रतिशत है और ऐसे वाहनों पर कर को कम करने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। खरीद मूल्य में अग्रिम कटौती के रूप में ई-वाहनों के खरीदारों को प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है।