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Owners To Get Benefit For Scrapping Old Vehicles: पुराने वाहन को स्क्रैप करने पर नए में मिलेगी 5% की छूट
यूनियन बजट 2021 में पुराने वाहनों के लिए वाहन स्क्रैपिंग नीति की घोषणा कर दी गई है। इस नीति के तहत देश में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का रिकॉर्ड तैयार कर उन्हें हटाया जाएगा। स्क्रैपिंग नीति में पुराना वाहन स्क्रैप कराने वाले वाहन मालिकों को नए वाहन की खरीद पर छूट देने का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया है कि वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत पुराना वाहन स्क्रैप कराने वाले लोगों को नई कार की कीमत पर 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत सरकार पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चिन्हित कर टैक्स लगा सकती है। वाहनों का तय समय पर पोल्यूशन टेस्ट करवाना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए सरकार प्राइवेट पार्टनर्स की मदद से देशभर में स्वचालित टेस्ट सेंटर खोल रही है।

बता दें कि इस नीति के तहत 15 साल से अधिक पुराने कमर्शियल वाहन और 20 साल से ज्यादा पुराने प्राइवेट वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा। स्क्रैपिंग नीति लागू होने के बाद नए वाहन पुराने वाहनों की जगह लेंगे जो ईंधन की अधिक बचत करेंगे साथ ही उत्सर्जन भी कम करेंगे।
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केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि नए और फ्यूल एफिसिएंट वाहनों के आने से ईंधन की कम खपत होगी जिससे सरकार को तेल आयात भी कम करना पड़ेगा और विदेश मुद्रा भंडार की भी बचत होगी।

उन्होंने बताया कि स्क्रेपिंग नीति के आने से देश में नए रोजगार भी उत्पन्न होंगे। केंद्र सरकार स्क्रैपिंग नीति के तहत 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करने वाली है जिससे 50,000 नौकरियां सृजित होंगी। उन्होंने बताया कि नीति के तहत लगभग 1 करोड़ पुराने भारी, मध्यम और हल्के वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा।
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इस नीति के तहत 20 साल से अधिक पुराने 51 लाख हल्के मोटर वाहन, 15 साल से ज्यादा पुराने 34 लाख हल्के मोटर वाहन और 17 लाख से अधिक मध्यम और भारी वजन के मोटर वाहन जो 15 साल से अधिक पुराने हैं, उन्हें स्क्रैपिंग के लिए चिन्हित किया गया है।

गडकरी ने बताया कि ऐसे वाहन नए वाहनों के मुकाबले 10-12 गुणा अधिक उत्सर्जन करते हैं। नीति के फायदे बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे पुराने धातु की रीसाइक्लिंग, वायु प्रदूषण में कमी, वर्तमान वाहनों की अधिक ईंधन दक्षता के कारण तेल आयात में कमी और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने बताया कि वाहन स्क्रैपेज पॉलिसी से देश में वाहन निर्माताओं का कारोबार 30 प्रतिशत बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा जो अभी 4.5 लाख करोड़ रुपये का है। वाहन कंपनियों के अलावा स्क्रैप इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की भी आमदनी बढ़ेगी।