Just In
- 6 hrs ago करोड़ों की संपत्ति का मालिक, लग्जरी कारों का कलेक्शन, फिर भी Maruti की इस कार में चलते दिखे Rohit Sharma
- 9 hrs ago भारत में लॉन्च हुई 2024 Jeep Wrangler Facelift, शानदार डिजाइन और धांसू फीचर्स से है लैस, जानें कीमत?
- 10 hrs ago नई Aston Martin Vantage धांसू स्पोर्ट्स कार लॉन्च, 325 किमी प्रति घंटा की स्पीड, जानें कीमत और फीचर्स
- 11 hrs ago Jeep Wrangler Facelift Review Video : जानें पहले से कितनी बदल गई नई ऑफ-रोडर SUV? डिजाइन में हुए ये अपडेट
Don't Miss!
- Movies भांजी की शादी में खाने को लेकर मेहमानों से ऐसी बात कर रहे थे गोविंदा, कैमरे में रिकॉर्ड हो गया सब कुछ
- News कांग्रेस ने हरियाणा के लिए 8 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, कई बड़े नाम शामिल
- Education IIT JEE Advanced 2024: जईई एडवांस के लिए 27 अप्रैल से होंगे आवेदन शुरू, देखें परीक्षा तिथि फीस व अन्य डिटेल्स
- Lifestyle First Date Tips: पहली ही डेट में पार्टनर को करना है इम्प्रेस तो ध्यान रखें ये जरूरी बात
- Technology इस दिन होने जा रहा Apple का स्पेशल इवेंट, नए iPad के साथ इन प्रोडक्ट्स की हो सकती है एंट्री
- Finance Bengaluru Lok Sabha Election 2024: फ्री Rapido,बीयर.! वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए वोटर्स को दिए जा रहे ऑफर्स
- Travel 5 दिनों तक पर्यटकों के लिए बंद रहेगा शिमला का 'द रिट्रीट', क्या है यह और क्यों रहेगा बंद?
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
नितिन गडकरी ने नोएडा में किया मारुति के स्क्रैपिंग प्लांट का उद्घाटन, हर साल कबाड़ होंगे 24,000 वाहन
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज नोएडा में मारुति सुजुकी और टोयोटा त्सुशो समूह की एंड-ऑफ-लाइफ वाहनों (ईएलवी) के लिए सरकार द्वारा अनुमोदित पहली स्क्रैपिंग और रीसाइक्लिंग सुविधा का उद्घाटन किया। 10,993 वर्ग मीटर में फैली यह सुविधा मारुति सुजुकी टोयोत्सु इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित की जाएगी। 44 करोड़ रुपये के निवेश से बनाया गया यह स्क्रैपेज प्लांट, केंद्र सरकार की वाहन स्क्रैपेज नीति (वाहन कबाड़ नीति) के अनुसार है।
इस वाहन स्क्रैपिंग प्लांट में हर महीने 2,000 वाहनों को स्क्रैप करने की क्षमता है और एक वाहन को पूरी तरह स्क्रैप करने में तीन घंटे से थोड़ा अधिक समय लगता है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, गडकरी ने कहा, "प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए स्क्रैपेज नीति प्रमुख कारकों में से एक है। पुरानी कारें नई कारों की तुलना में बहुत अधिक प्रदूषणकारी होती हैं, इसलिए उन्हें चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की आवश्यकता है। हमें स्क्रैपेज पॉलिसी के कारण नई कारों की बिक्री 10-12 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है।"
उन्होंने कहा, "पुराने वाहन प्रदूषण का कारण बनते हैं जो पर्यावरण के लिए एक बड़ी समस्या है। स्क्रैपिंग देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। स्क्रैपिंग से हमें सभी कच्चे माल कम लागत पर मिलेंगे जिससे हम उत्पादन लागत को कम कर सकते हैं।"
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के एमडी और सीईओ केनिची आयुकावा ने कहा, "कई देशों की तरह, हमें एक ऐसी नीति की आवश्यकता है, जहां हर 3-4 साल में वाहनों की फिटनेस की जांच की जाए। हमें 15 साल इंतजार करने की जरूरत नहीं है।"
गडकरी ने यह भी कहा कि केंद्र देश के हर जिले में वाहन रीसाइक्लिंग या स्क्रैपिंग केंद्र शुरू करने की योजना बना रही है। मंत्री ने कहा कि इस तरह के कदम से न केवल पुरानी कारों को खत्म करने की प्रक्रिया में आसानी होगी बल्कि अधिक रोजगार भी पैदा होगा, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
गडकरी ने कहा कि ऑटो सेक्टर का सालाना टर्नओवर 7.5 लाख करोड़ रुपये है। इसे 5 साल में 15 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य है। भारत का लक्ष्य 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन करना है और यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वाहन स्क्रैपिंग नीति इस लक्ष्य को पाने में मुख्य भूमिका निभाएगी।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल अगस्त में राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति की घोषणा की थी। राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति अगले साल अप्रैल से लागू होगी। वाहन परिमार्जन नीति नियम, जिन्हें केंद्रीय मोटर वाहन (23 वां संशोधन) नियम, 2021 कहा जाएगा, 1 अप्रैल, 2022 से लागू होंगे।
नीति में निजी वाहनों के फिटनेस टेस्ट के लिए 20 साल और वाणिज्यिक वाहनों के लिए 15 साल की समय सीमा तय की गई है। यदि मालिक ऐसे पुराने वाहनों को स्क्रैप करने का निर्णय लेते हैं, तो नया वाहन खरीदने पर 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करने वाले वाहनों का क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में पंजीकरण नहीं होगा। 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के मालिकों को पंजीकरण नवीनीकरण के लिए आठ गुना अधिक भुगतान करना होगा।