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Mahindra ने स्क्रैपिंग फैसिलिटी लगाने के लिए महाराष्ट्र सरकार से किया करार
Mahindra ने नई स्क्रैपिंग फैसिलिटी लगाने के लिए महाराष्ट्र से करार किया है, कंपनी ने अपने सब डिवीजन सीरो के तहत सरकार से एमओयू साइन किया है। इसके तहत कंपनी मुंबई, नाशिक, औरंगाबाद व नागपुर में फैक्ट्री खोलने वाली है जिनकी क्षमता प्रतिवर्ष 40,000 वाहन होने वाली है। देश में वाहन स्क्रैपिंग का बिजनेस बढ़ते जा रहा है जिस वजह से बड़ी वाहन कंपनियां इसमें एंट्री कर रही है।
हाल ही में मुंबई में हाईवे, ट्रांसपोर्ट व लोजिस्टिक पर निवेश अवसर के आयोजन पर महिंद्रा ने यह एमओयू साइन किया है। इन फैसिलिटी पर दो/तिपहिया, पैसेंजर व कमर्शियल वाहनों को रिसाइकिल किया जाएगा, यहां पर सड़क मंत्रालय द्वारा जारी किये सभी नियमों का पालन किया जाएगा। सीरो वर्तमान में पहले से ही पुणे में स्क्रैपिंग फैसिलिटी चला रही है। सीरो, महिंद्रा एक्सेलो व एमएसटीसी का जॉइंट वेंचर है।
वर्तमान में यह चेन्नई, पुणे, ग्रेटर नॉएडा, बैंगलोर, अहमदाबाद, मुंबई, इंदौर, हैदराबाद, जयपुर, चंडीगढ़ व कोलकाता में मौजूद है। ग्राहक इस सेवा का लाभ 1800-267-6000 पर डायल करके ले सकते हैं या फिर कंपनी वेबसाइट पर जाकर अपना प्रश्न रजिस्टर कर सकते हैं। हाल ही में टाटा मोटर्स ने भी महाराष्ट्र सरकार के साथ स्क्रैपिंग फैसिलिटी के लिए एमओयू साइन किया है।
हाल ही में सरकार ने स्क्रैपिंग पॉलिसी लाया है, इस पॉलिसी में वाहनों के रियूज, रीसायकल और रिकवरी पर काम किया जाएगा। बता दें कि इस पॉलिसी से ऑटोमोबाइल उद्योग को 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश मिलने की उम्मीद है। स्क्रैप के कारोबार से जुड़े छोटे कारोबारियों को भी इस पॉलिसी का बड़ा लाभ मिलेगा, साथ ही ऑटो इंडस्ट्री को भी बड़ा फायदा होगा।
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, स्क्रैपिंग पॉलिसी नए वाहनों को 40% तक सस्ता बनाएगी, क्योंकि पुरानी गाड़ियों से निकलने वाले कबाड़ से 99% मेटल को रिकवर किया जा सकता है। इससे वाहनों की लागत कम होगी। वहीं इलेक्ट्रिक सामान और वाहनों के लिए भी कॉपर, लीथियम जैसा सस्ता कच्चा माल इस स्क्रैपिंग से मिलेगा, जिससे एंड प्रोडक्ट भी सस्ता होगा।
नितिन गडकरी ने बताया कि वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी ऑटोमोबाइल कंपनियों, उससे जुड़े कारोबारियों, वाहन ग्राहकों और पर्यावरण, सभी के लिए फायदेमंद हैं। इस पॉलिसी से भारत में बनने वाली नई गाड़ियों की कीमत 40% तक कम होगी, साथ ही ईंधन और मेंटेनेंस कॉस्ट में बचत जैसे कई फायदे होंगे। स्क्रैपिंग उद्योग को बढ़ावा मिलेगा तो रोजगार का भी सृजन होगा और नौकरियां बढ़ेंगी। वहीं नए वाहनों की सेल से सरकार को GST के तौर पर 30 से 40 हजार करोड़ रुपये का रिवेन्यू आएगा।
इसके साथ ही जो ग्राहक अपने पुरानी कार को स्क्रैप करवाएंगे तो उन्हें नई कार की खरीद पर छूट मिलेगी। इस वजह से कई छोटे कंपनियों के साथ साथ बड़ी कंपनियां भी इस क्षेत्र में कदम रख रही है। Mahindra के नवंबर 2021 में प्रोडक्शन के आंकड़ें आ गये हैं, कंपनी ने बीते महीने 18,261 यूनिट वाहनों का उत्पादन किया गया है जो कि अक्टूबर 2021 के 19,286 यूनिट के मुकाबले 5.3 प्रतिशत कम रहा है।
Mahindra ने दूसरे तिमाही में उत्पादन में 32,000 यूनिट कम रहा है इसका कारण चिप की कमी रहा है, हालांकि एसयूवी उत्पादन में वृद्धि हुई है। दुनिया भर में चिप की कमी चल रही है जिस वजह से महिंद्रा भी प्रभावित हो रही है जिस वजह से कंपनी का उत्पादन लगातार कम हो रहा है। तिमाही व एलसीवी सेगमेंट के उत्पादन की तो नवंबर महीने में उत्पादन में 89.6 प्रतिशत की कमी आई है। पिछले साल नवंबर के 4,046 यूनिट के मुकाबले बीते महीने 420 यूनिट रही है। कंपनी के सीवी सेगमेंट में 21.4 प्रतिशत की कमी है।
ड्राइवस्पार्क के विचार
Mahindra ने भी अब अपनी सब डिवीजन कंपनी के साथ मिलकर वाहन कबाड़ क्षेत्र में कदम रख लिया है। इस तरह से कंपनियां वाहन के बनाने से लेकर कबाड़ करने तक सभी क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाने में लग गयी है।