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Karnataka Government Official Fleet: कर्नाटक में सरकारी अधिकारी इस्तेमाल करेंगे इलेक्ट्रिक वाहन
देश में बढ़ते प्रदूषण से मुकाबला करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। देश में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने फेम (FAME) पॉलिसी को लागू किया है जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले ग्राहकों को कीमत पर सब्सिडी दी जाती है। हाल ही में दिल्ली सरकार ने भी राज्य में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए 'स्विच दिल्ली' अभियान को शुरू किया है। इस अभियान के तहत लोगों से इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करने की अपील की जा रही है।

अब इस अभियान में कर्नाटक सरकार भी शामिल हो गई है। हाल ही में कर्नाटक के डिप्टी सीएम सीएन अश्वनाथ नारायण ने कहा है कि 2-3 साल के भीतर राज्य सरकार के 50 प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदल दिया जाएगा। उन्होंने बताया है कि राज्य सरकार वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को प्रोत्साहित कर रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक डिप्टी सीएम हार्वर्ड-इंडिया कांफ्रेंस में भाग ले रहे थे जिसके दौरान उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए बड़ा फैसला लेने वाली है। उन्होंने बताया कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों के साथ साझेदारी की है ताकि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को खड़ा किया जा सके।
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उन्होंने बताया कि सरकार के ई-मोबिलिटी योजना के तहत रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, आईटी पार्क, मार्केटिंग कॉम्प्लेक्स आदि जगहों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है।

राज्य में हाईवे पर भी चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है ताकि लोगों को वाहन चार्ज करने में आसानी हो। इसके अलावा राज्य सरकार प्रदेश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी एवं रिसर्च सेंटर की स्थापना भी करेगी, जहां हाई-टेक इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तकनीक विकसित की जाएगी।
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उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी योजना में निवेश के लिए केंद्र सरकार से सहायता ली जाएगी। राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अधिक रेंज वाली बैटरी पर भी शोध किया जा रहा है। सरकार की योजना है कि कंस्ट्रक्शन, एयरोस्पेस और इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में डिजिटल इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाए।

बता दें कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी मंत्रालय के अधिकारियों से इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमल की अपील की है। डकरी ने बताया कि देश में वाहनों से बढ़ता प्रदूषण चिंताजनक है और इससे जल्द निपटना एक चुनौती है।

हर साल देश के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम के आयात पर खर्च होता है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल से पेट्रोल-डीजल पर देश की निर्भरता कम होगी और प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी।