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तैयार हो रहा है भारत का पहला Hydrogen Fuel Cell वाला 3-Wheeler, जानें क्या होगी खासियत
पुणे स्थित हाइड्रोजन पावर कंपनी h2e Power Systems एक कनाडाई कंपनी के सहयोग से भारत का पहला हाइड्रोजन फ्यूल सेल-संचालित थ्री-व्हीलर विकसित कर रही है। इसके लिए अदार पूनावाला द्वारा फंड दिया गया है, जो कि एक स्टार्ट-अप है।
h2e देश की पहली कंपनी बन जाएगी, जिसके पास पावर जनरेशन के लिए स्टेशनरी सेगमेंट में एक उत्पाद होगा और मोबिलिटी क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन का उत्पादन होगा। कंपनी ने कनाडा की हाइड्रोजन स्टोरेज कंपनी हाइड्रोजन इन मोशन (H2M) के साथ सहयोग किया है।
यह GITA द्वारा वित्त पोषित एक इंडो-कैनेडियन प्रोग्राम के तहत आती है, जो प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड, विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार और CII के बीच एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी है। H2M ने एक नैनो-सामग्री विकसित की है जो कम दबाव (350 या 700 बार के बजाय 50 बार) में हाइड्रोजन को स्टोर करती है।
इसके परिणामस्वरूप एक छोटा, सुरक्षित और सस्ता हाइड्रोजन स्टोरेज सिस्टम बन सकता है। भारत के लिए विकसित किए जा रहे इस तीन पहिया वाहन में कम लागत, कम दबाव वाली हाइड्रोजन स्टोरेज तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
h2e Power Systems के संस्थापक और प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ आर मयूर ने कहा कि "वे पहले से ही अपने इलेक्ट्रोलाइजर से ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन कर रहे हैं और अब ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग करके इंटर-सिटी सार्वजनिक और माल परिवहन के लिए एक तीन पहिया कॉन्सेप्ट विकसित कर रहे हैं।"
मयूर ने कहा कि "GITA ने भारत में शून्य-उत्सर्जन वाहन कॉन्सेप्ट को बढ़ाने का वादा किया है।" H2M के सीईओ ग्रेस क्वान ने कहा कि "भारत कम दबाव, उच्च घनत्व वाले स्वैपेबल हाइड्रोजन टैंक प्रौद्योगिकी के लिए एक प्राकृतिक बाजार है और यह भारत में हाइड्रोजन फ्यूल सेल अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।"
h2e Power Systems के सह-संस्थापक और कार्यकारी निदेशक अमरनाथ चक्रदेव ने कहा कि "इनोवेटिव मेटल हाइड्राइड सिलेंडर भंडारण की लागत को काफी हद तक कम करने में मदद करेंगे और तीन पहिया वाहन मालिक को अधिक लाभ और निवेश पर बेहतर रिटर्न प्रदान करेंगे।"