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खुशखबरी! जल्द ही कार खरीदना हो सकता है सस्ता, सरकार कम कर सकती है जीएसटी दर
भारत में वाहन निर्माताओं के कई अनुरोधों के बाद, केंद्र ने संकेत दिया है कि वह कारों और दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दरों को कम करने के लिए बातचीत के लिए तैयार है। बुधवार को एक सम्मेलन के दौरान, राजस्व सचिव तरुण बजाज ने संकेत दिया कि वह भारतीय ऑटो उद्योग जगत के साथ इस मामले पर आगे चर्चा करने के लिए तैयार हैं।
कारों, मोटरसाइकिलों और ट्रकों जैसे वाहनों पर मौजूदा जीएसटी दर 28 फीसदी तक है। जब इसमें राज्य सरकारों के कई टैक्स जुड़ जाते हैं, तो अंतिम कीमत इन वाहनों को तुलनात्मक रूप से महंगा बना देती है। इसलिए, टैक्स की दरों को कम करने के लिए, ऑटोमोबाइल उद्योग काफी लंबे समय से अनुरोध कर रहा है। ऐसा माना जाता है कि इस तरह के कदम से वाहनों के मांग और बिक्री में बढ़ोतरी हो सकती है।
हाल ही में सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के एक सेमिनार में बोलते हुए राजस्व सचिव तरुण बजाज ने इशारा किया कि सरकार टैक्स को कम करने की संभावना पर विचार कर सकती है। उन्होंने कहा, "मुझे आपके साथ जुड़कर बहुत खुशी होगी, यह देखने के लिए कि हम (जीएसटी) कर दरों पर भी क्या कर सकते हैं, यह देखने के लिए हम क्या कर सकते हैं कि कुछ (वाहन) सेगमेंट को वह प्रोत्साहन मिले जिसके वे हकदार हैं।"
बजाज ने कहा कि वह इस बात पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं कि पिछले कुछ वर्षों में वाहनों की बिक्री में गिरावट क्यों आई है और क्या इसके लिए उच्च (जीएसटी) कर जिम्मेदार हैं। उनका उद्देश्य ऑटो सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए सुझाव लेना है, जिसका भारत के समग्र सकल घरेलू उत्पाद में योगदान सरकार के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत दुनिया के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजारों में से एक है, लेकिन प्रति 100 लोगों पर वाहनों की पहुंच के मामले में यह अभी भी पश्चिमी देशों और चीन के मुकाबले काफी पीछे है। चीन बिक्री और निर्माण दोनों के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार है।
ऑटोमोबाइल उद्योग के मुताबिक भारत की 'कम' वाहन बिक्री का एक अहम कारण, अफॉर्डेबिलिटी (खरीदने की शक्ति) है। हाल के दिनों में बढ़ती लागत और कड़े उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने वाले सुरक्षित वाहन बनाने की जरूरतों ने मैन्युफैक्चरिंग लागत को बढ़ाया है। ऐसे समय में वाहनों पर लगने वाले टैक्स को कम करने से कुछ बात बन सकती है।
मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया, हीरो मोटोकॉर्प और अशोक लीलैंड जैसे वाहन निर्माताओं ने उच्च जीएसटी दरों का मुद्दा उठाया है और वाहनों को किफायती बनाने के लिए केंद्र की मदद मांगी है।
ऑटोमोबाइल पर टैक्स कम करने से न सिर्फ ओईएम (ओरिजिनल इक्यूपमेंट मैन्युफैक्चरर्स) को मुनाफा होगा, बल्कि यह ग्राहकों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। और कई लोगों का मानना है कि इस तरह के उपाय से वास्तव में सुस्ती की मार झेल रहे ऑटोमोबाइल उद्योग की बिक्री में तेजी आ सकती है, जो 2018-2019 के आसपास से जारी है।