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Global NCAP Crash Test: अब भारतीय कारों के लिए ग्लोबल एनसीएपी क्रैश टेस्ट रेटिंग होगी और भी कठिन
ग्लोबल एनसीएपी 2014 से भारतीय कारों की क्रैश टेस्ट रेटिंग कर रही है, हाल ही महिंद्रा थार, मारुति एस-प्रेसो, किया सेल्टोस व हुंडई ग्रैंड आई10 जैसे मॉडलों को टेस्ट किया गया है। अब यह टेस्ट रेटिंग और भी मुश्किल होने जा रही है। ग्लोबल एनसीएपी अब इसमें कई नए मानक जोड़ने जा रही है।
अब नए क्रैश टेस्ट में हेड ऑन कोलिजन के साथ, साइड ऑन कोलिजन को भी अनिवार्य किया जाएगा, उसके बाद ही सर्वोच्च सेफ्टी स्कोर दिया जाएगा। वर्तमान में साइड इम्पैक्ट टेस्ट उन्हीं कारों का किया जाता है जिन्हें 5 स्टार रेटिंग प्राप्त हो या फिर वाहन निर्माता आग्रह करें।
इसके साथ ही एक्टिव सेफ्टी फीचर्स जैसे इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल व सीट बेल्ट रिमाइंडर भी नए टेस्टिंग प्रोटोकॉल का हिस्सा होने वाले हैं। अब किसी भी भारतीय कार को 5 स्टार प्राप्त करने के लिए इन सुरक्षा फीचर्स के साथ आना होगा।
अब यह कदम वाहन निर्माताओं, खासकर वह जिन्होंने 5 स्टार रेटिंग प्राप्त की है, को अपने स्तर को और भी बेहतर करने की दिशा में प्रेरित करेगा। इस नए प्रोटोकॉल को इसी साल लागू किया जाना था लेकिन अब महामारी की वजह से इसे जनवरी 2022 से प्रभाव में लाया जाएगा।
यह कदम ग्लोबल एनसीएपी व यूरोपियन एनसीएपी के बीच अंतर कम करने के लिए उठाया गया है। बतातें चले कि यूरोपियन एनसीएपी में ढेर सारे सेफ्टी टेस्ट किये जाते हैं, जिसमें क्रैश सेफ्टी टेस्ट, क्रैश अवोइडेंस टेस्ट, पैसेंजर एक्सट्रेक्शन आदि शामिल है।
इन टेस्ट को यूरोपिय देशों में फेज अनुसार लाया गया था और अब ग्लोबल एनसीएपी भी धीरे-धीरे उसी दिशा में बढ़ रही है। भारतीय पैसेंजर व्हीकल के सेफ्टी मानक यूरोपियन मानक से बहुत पीछे हैं लेकिन ग्लोबल एनसीएपी के सचिव के अनुसार यह यूएसए जैसे देशों से बेहतर हैं।
भारत में जल्द ही पेडेस्ट्रियन प्रोटेक्शन व बाइक्स के लिए एबीएस अनिवार्य होने वाला है जो कि अभी तक यूएस में नहीं लाया गया है। हालांकि नई तकनीक के आने के साथ ग्लोबल एनसीएपी अपने मानक में सुधार करेगा और वाहनों को और भी सुरक्षित बनाने पर जोर देगा।
बात करें भारत के सबसे सुरक्षित कारों की तो इसमें महिंद्रा की एक्सयूवी300 पहले नंबर पर है, उसके बाद टाटा अल्ट्रोज व नेक्सन 5 स्टार रेटिंग के साथ दूसरे व तीसरे नंबर पर बने हुए हैं। देशी कंपनियों ने वाहन सुरक्षा मानक में एक नई ऊँचाई प्राप्त की है।