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Ford Recalls 30 Lakh Vehicles: फोर्ड वापस मंगाएगी 30 लाख कारें, जानें क्या है कारण
फोर्ड अपनी 30 लाख वाहनों को वापस मंगाने वाली है, कंपनी ने हाल ही में इसकी जानकारी दी है। फोर्ड ने बताया कि एयरबैग इन्फ्लेक्टर के खराब होने के डर के कारण इसे बदला जाएगा, अगर यह खराब हुआ तो मेटल फ्रेगमेंट निकल सकते हैं और कार को बड़ा नुकसान हो सकता है।

इसके लिए फोर्ड को 610 मिलियन डालर का खर्च उठाना होगा। इसमें से अकेले 27 लाख वाहन तो यूएस में ही है। वैसे तो कंपनी ने इसे टालने के 2017 से ही पिटीशन दाल रखा था लेकिन नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा इसे ख्रारिज कर दिया गया।

फोर्ड इसके खर्च को अपने चौथे तिमाही में दिखाने वाली है। इनमें ताकता इन्फ्लेटर लगाये गये हैं। जो कि वापस मंगाए गये 2006 फोर्ड रेंजर ट्रक में लगाये गये थे और इस वजह से 400 इंजरी व 27 मौत दुनिया भर में हुए थे जिसमें यूएस में हुए 18 घटना शामिल है।
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अब जो वाहन वापस मंगाए जा रहे हैं उनमें 2006 - 2012 के बीच उत्पादित की गयी फोर्ड की रेंजर, फ्यूजन, एज, लिंकन जीफर/एमकेजेड, मरकरी मिलन व लिंकन एमकेएक्स वाहन शामिल है।

इसके पहले इसी तरह की जनरल मोटर्स की ताकता एयरबैग वाली 59 लाख वाहनों को वापस नहीं मंगाने के पिटीशन को खारिज किया जा चुका है। जनरल मोटर्स ने बताया था कि दुनिया भर की 70 लाख वाहन प्रभावित हुए थे और उन्हें 1.2 बिलियन डालर का खर्च आया था।
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दुनिया भर में सभी जगह सेफ्टी के नियम उतने कड़े नहीं है जितने कि यूएस में हैं जिस वजह से एयरबैग में भी आई परेशानी की वजह से कंपनियों को अपने लाखों वाहनों को वापस मंगाकर बदलने पड़ जाते हैं, यह किसी एशियाई या अफ्रीकन देशों में कम ही देखनें को मिलता है।

पिछले साल ही भारत में सुरक्षा मानकों को अपडेट किया गया है जिसके तहत पहली बार कारों में सिर्फ ड्राईवर साइड एयरबैग को अनिवार्य किया गया है, लेकिन अभी भी पैसेंजर साइड एयरबैग अनिवार्य नहीं है।
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जिस वजह से अभी भी भारत में कई मॉडल ऐसे है जो ग्लोबल एनकैप में शून्य स्कोर करने के बाद बिक रहे हैं। हालांकि यह भारत में लागो सेफ्टी मानक का पालन करते है जिस वजह से इनकी बिक्री के नियम प्रभावित नहीं होते हैं।

भारतीय सहित अफ्रीकन बाजारों में वाहनों की कीमत को कम रखनें के लिए अक्सर सेफ्टी फीचर्स को कम कर देते हैं। हालांकि भारतीय बाजार में ग्राहक यह ट्रेंड धीरे-धीरे बदलने में लगे हुए हैं और अब सेफ्टी को चुन रहे हैं।
Source: ETAuto