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Ford-Mahindra Joint Venture: फोर्ड और महिंद्रा के बीच जॉइंट वेंचर हुआ समाप्त, जानें क्या है कारण
फोर्ड मोटर ने गुरुवार को कोविड-19 (COVID-19) महामारी के चलते उत्पन्न चुनौतियों के कारण महिंद्रा के साथ अपने मोटर वाहन जॉइंट वेंचर को समाप्त करने की घोषणा की है। दोनों कंपनियों ने अलग-अलग बयानों में कहा है कि यह निर्णय पिछले 15 महीनों में उत्पन्न वैश्विक अर्थव्यवस्था में बदलाव से प्रेरित होकर लिया है। फोर्ड ने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और कारोबार अब अक्टूबर 2019 के जैसा नहीं है।
बता दें कि अक्टूबर 2019 में दोनों कंपनियों ने जॉइंट वेंचर के तहत कारों को विकसित करने के लिए हाथ मिलाया था जिसपर अंतिम फैसला 31 दिसंबर तक लेना था। इस जॉइंट वेंचर के तहत दोनों कंपनियां वैश्विक बाजार के लिए कारों के निर्माण के साथ उनकी सेल्स अथवा मार्केटिंग पर भी साथ मिलकर फैसले लेने पर संधि की थी।
कार एंड बाइक की एक रिपोर्ट के अनुसार जॉइंट वेंचर के तहत तीन कारों को लॉन्च करने की योजना थी। इसमें पहली कार एक मिड-साइज एसयूवी होती। प्रोजेक्ट में वैश्विक बाजार के लिए इलेक्ट्रिक कारों को भी लाने का फैसला किया गया था। फोर्ड ने बताया है कि कंपनी भारत में अपना स्वतंत्र कारोबार जारी रखेगी। हालांकि, कंपनी ने यह भी कहा है कि भविष्य में महिंद्रा के साथ साझेदारी में दोबारा निर्णय लिया जा सकता है।
फोर्ड ने बताया कि मौजूदा आर्थिक अस्थिरता में कंपनी नए प्रोजेक्ट में निवेश नहीं करना चाहती। जॉइंट वेंचर में पूंजी का निवेश मौजूदा समय में कंपनी के लिए घाटे का सौदा हो सकता है। फोर्ड अपने आने वाले वाहनों के विकास पर ध्यान दे रही है और इसके लिए पूंजी बचा रही है।
नए साल में फ्रांस की पीएसए और फिएट क्रिसलर ऑटो भी अपनी 38 बिलियन डॉलर की संधि समाप्त कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार महिंद्रा अपनी उत्पादक क्षमता बढ़ने, लागत कम करने और वाहनों की बिक्री पर मुनाफे को 8 प्रतिशत तक बढ़ाने की नीति पर काम कर रही है।
अभी कुछ दिनों पहले ही खुलासा हुआ था कि फोर्ड और महिंद्रा जॉइंट वेंचर के तहत आने वाली कार महिंद्रा एक्सयूवी500 पर आधारित होगी। इस नई एसयूवी को पिनिन्फरिना द्वारा डिजाईन किया जाएगा, जो कि वर्तमान में महिंद्रा की खुद की ब्रांड है।
इसे कार को फोर्ड इकोस्पोर्ट और एंडेवर के बीच उतारा जाने वाला था। यह ब्रांड की पहली कार होने वाली थी जो टाटा हैरियर और एमजी हेक्टर को टक्कर देती। अब पार्टनरशिप के समाप्त होने से इस कार का विकास अनिश्चित है। हालांकि, दोनों कंपनियों ने इस कार से संबंधित कोई नै जानकारी नहीं दी है।
फोर्ड इंडिया ने एक बयान में कहा है कि कंपनी 1 जनवरी से सभी कारों की कीमत में इजाफा करने जा रही है। कंपनी ने बताया है कि बढ़ती लागत के अनुसार कीमत में वृद्धि का फैसला लिया गया है। इस फैसले के बाद नए साल से फोर्ड की कारों की कीमत में 5-35 हजार रुपये की बढ़ोतरी होगी।
कंपनी ने बताया है कि 2020 में बुक की गई कारों की कीमत में इजाफा नहीं किया जाएगा। कंपनी ने कहा कि पिछले एक साल में, विभिन्न इनपुट लागतों में वृद्धि के कारण उसके वाहनों की लागत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इसलिए, जनवरी 2021 से कंपनी लगात के अनुसार मूल्य वृद्धि करने जा रही है।
बता दें कि हाल ही में मारुति सुजुकी ने भी लागत का हवाला देते हुए नए साल से पैसेंजर वाहनों की कीमत में बढ़ोतरी की घोषणा की है। फोर्ड ने नवंबर महीने में 3,991 यूनिट की बिक्री की है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 26 प्रतिशत कम है।
वहीं, अक्टूबर में 7,084 यूनिट के मुकाबले कंपनी की बिक्री में 44 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है। कंपनी ने पिछले महीने ईकोस्पोर्ट की कीमत में बढ़ोतरी की थी जिसका असर बिक्री में देखनें को मिला।