Just In
- 13 hrs ago टोल प्लाजा पर अब नहीं होंगे ये बोर्ड! केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला, जानें डिटेल्स
- 19 hrs ago Bigg Boss फेम आयशा खान ने खरीदी MG की ये धांसू कार, जानें क्या है खासियत?
- 21 hrs ago मामूली सुरक्षा के बावजूद, बिक्री में टॉप है Maruti Suzuki की ये कारें, आपको कौन सी है पसंद?
- 1 day ago 3 घंटे में पूरा होगा 900 KM का सफर, अहमदाबाद से दिल्ली तक चलेगी दूसरी बुलेट ट्रेन, जानें Railways की प्लान
Don't Miss!
- Lifestyle Mukesh Ambani Quotes On Success: हर युवा को प्रेरित करते हैं मुकेश अंबानी के ये विचार
- News Weather Update: हल्की बारिश से आज मिल सकती है राहत
- Education Jharkhand Board 10th Result 2024: कल आयेगा झारखंड बोर्ड 10वीं का परिणाम, कैसे चेक करें JAC Matric Result
- Movies VIDEO: भगवान कृष्ण के सामने सीमा ने की अश्लीलता, वीडियो देख भड़के लोग बोले- कौन से कोठे पर...
- Finance Quarter 4 Result: Bajaj और Infosys ने जारी किया चौथे क्वार्टर का रिजल्ट, दोनों को मिला है बंपर मुनाफा
- Technology डॉक्सिंग क्या होती है, क्या इसके लिए जेल जाना पड़ सकता है?
- Travel बोरिंग जिंदगी से चाहिए ब्रेक तो घूम आएं ये 6 बटरफ्लाई पार्क, जहां फूलों में रंग भरती हैं तितलियां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
Ford के भारत छोड़ने के निर्णय पर कैसी रही कंपनी के कर्मचारियों की प्रतिक्रिया, जानें
Ford ने हाल ही में भारत में उत्पादन बंद करने का निर्णय लिया है ऐसे में दशकों से कंपनी के फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि यह हमारे लिए आश्चर्यजनक है। Ford 2022 के दूसरे तिमाही में प्लांट बंद करने वाली है, इस पर कर्मचारी संघ के कोषाध्यक्ष ने कहा कि हमें कोई अनुमान नहीं था कि ऐसा होने वाला है। उन्हें 9 सितंबर के दोपहर को इसकी जानकारी दी गयी।
Ford India क्वे एमडी अनुराग मेहरोत्रा ने कर्मचारी संघ को बुलाकर यह जानकारी दी कि यह प्लांट बंद होने जा रहा है। ऐसे में यह 2700 कर्मचारियों के लिए आश्चर्यजनक निर्णय था और यह उनकी आजीविका पर खतरा है। कंपनी के इस निर्णय से फोर्ड के लेबर यूनियन के 2700 कर्मचारी व चेन्नई स्थित सैकड़ों कॉन्ट्रैक्ट वाले कर्मचारी प्रभावित होने वाले हैं।
इससे कुल 4000 कर्मचारी प्रभावित होने वाले हैं। इनमें से एक कर्मचारी संघ के कोषाध्यक्ष भी शामिल है जिसकी उम्र 46 वर्ष है और पिछले कई सालों से यहां काम कर रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले 1998 में चेन्नई के फैक्ट्री में प्रोडक्शन लाइन ऑपरेटर के रूप में काम शुरू किया था, लेकिन अब उनके साथ हजारों कर्मचारियों का भविष्य अधर में अटक गया है।
कंपनी के बारें में उन्होंने कहा कि फोर्ड हमेशा से अच्छी कंपनी रही है। कोविड महामारी के दौरान भी उन्हें सैलरी दी गयी, जब भी छुट्टी मांगी, मिल गयी और मैनजेमेंट ने यह बात सुनिश्चित किया कि वह असुरक्षित माहौल में काम ना करें। फोर्ड में काम करना हमेशा से अच्छा रहा है, लेकिन अब यही कंपनी उन्हें अचानक से छोड़ने जा रही है और उनके पास और कोई विकल्प भी नहीं है।
चेन्नई फोर्ड कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कहा कि वह जल्द ही जनरल बॉडी मीटिंग करने वाले हैं और settlement के नियम के बारें में चर्चा करने वाले हैं और उसके बाद मैनजमेंट से बात करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारी को काम व सही हक दिलाना संघ का दायित्व है। वर्तमान में महामारी की वजह से ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में काम पाना बहुत ही मुश्किल हो गया है।
फोर्ड ने कहा कि उन्होंने यह निर्णय साझेदारी, प्लेटफॉर्म शेयरिंग व अन्य कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट उत्पादन का विकल्प पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया है। कंपनी अभी भी अपने प्लांट को बेचने का विकल्प तलाश कर रही है, लेकिन फोर्ड के इस निर्णय से सिर्फ कर्मचारी ही नहीं डीलर्स भी प्रभावित होने वाले हैं, इसके साथ ही छोटे उद्योग व पार्ट्स सप्लायर भी इसकी चपेट में आने वाले हैं।
इस पर FADA के अध्यक्ष विन्केश गुलाटी ने कहा कि Ford ने यह भरोसा दिलाया है कि वह डीलर्स को सही कमी पूर्ति करने वाले हैं और ग्राहकों को सर्विस मिलना भी जारी रखेगी। हालांकि यह पर्याप्त नहीं है, वर्तमान में कंपनी के डीलर्स के पास 1000 वाहन है जिसकी कीमत करीब 150 करोड़ रुपये है, इसके साथ ही सैकड़ों की संख्या में डेमो वाहन भी शामिल है।
फोर्ड के भारत में 170 डीलर्स है जिसके कुल 391 डीलरशिप है, कंपनी ने डीलरशिप स्थापित करने के लिए 2000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इन डीलरशिप से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 40,000 लोग जुड़े हुए है जो कि अलग-अलग शहरों से आते हैं। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उन्हें इस निर्णय से $2 बिलियन का घाटा होने वाला है।
ड्राइवस्पार्क के विचार
Ford के इस निर्णय से हजारों कर्मचारी की कमाई खतरे में आ गयी है। जहां देश में कोविड की वजह से बेरोजगारी में बढ़ोत्तरी हुई है, वैसे में इस तरह का निर्णय कर्मचारियों के लिए आश्चर्यजनक है। अब देखना होगा कि भारत या राज्य सरकार इन कर्मचारियों को लेकर कुछ करती है या नहीं।