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Ford Motors के कर्मचारियों ने सरकार से लगाई गुहार, प्लांट बंद होने से नौकरी जाने का खतरा
अमेरिकी कार निर्माता फोर्ड मोटर्स के भारत में प्लांट बंद करने की घोषणा के बाद हजारों कर्मचारियों की नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है। हाल ही में फोर्ड मोटर्स के चेन्नई प्लांट के कर्मचारियों ने तमिलनाडु सरकार से मदद की गुहार लगाई है। कर्मचारियों अपनी नौकरियों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार से सहायता मांगी है।
बढ़ते घाटे के मद्देनजर फोर्ड इंडिया ने अपनी स्थानीय विनिर्माण सुविधाओं को बंद करने का फैसला किया है। कंपनी गुजरात के साणंद संयंत्र को 2021 की चौथी तिमाही जबकि चेन्नई स्थित संयंत्र को 2022 की दूसरी तिमाही में बंद करेगी। इस फैसले से लगभग 4,000 नौकरियों के प्रभावित होने की उम्मीद है।
जानकारी के अनुसार, फोर्ड इंडिया के चेन्नई प्लांट के कर्मचारियों ने तमिलनाडु के राज्य मंत्री टी.एम.अनबरसन को पत्र लिखकर सहायता मांगी है। कर्मचारियों का कहना है कि फोर्ड के चेन्नई कारखाने को बंद करने के फैसले के परिणामस्वरूप हजारों श्रमिकों की नौकरी जा सकती है। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री से वैकल्पिक नौकरी की मांग की है।
इस बीच, फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने बताया कि फोर्ड मोटर्स ने भारत में अपने डीलर नेटवर्क की भरपाई के लिए कदम उठा सकती है। फोर्ड ने यह भी कहा है कि कंपनी अपने मौजूदा ग्राहकों को सेवाएं देना जारी रखेगी। उत्पादन बंद होने के बाद भी फोर्ड के सर्विस सेंटर और कस्टमर पॉइंट खुले रहेंगे ताकि मौजूदा ग्राहकों को समय पर सर्विसिंग मुहैया कराया जा सके।
फोर्ड भारत में सानंद (गुजरात) और चेन्नई (तमिलनाडु) स्थित प्लांट में कारों का उत्पादन कर रही थी। अगले एक साल इन दोनों संयंत्रों (Manufacturing Plants) में घरेलू बाजार के लिए कारों का उत्पादन पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। हालांकि, कंपनी बाहर के देशों में निर्यात के लिए इंजन का निर्माण जारी रखेगी।
फोर्ड मोटर्स ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए बताया था कि कंपनी पिछले 10 वर्षों से घाटे में चल रही है जिससे कंपनी को 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। भारत में कंपनी की बिक्री लगातार घट रही है और पिछले कुछ सालों में कार बाजार में मंदी के कारण कारोबार के बढ़ने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। इन सभी कारणों के वजह से उत्पादन बंद करने का फैसला लिया गया है।
भारत में उत्पादन बंद करने का ऐलान करते हुए कंपनी ने यह भी कहा था कि वह अब अपनी हाई-एंड कारों का भारत में निर्यात करेगी। जानकारी के मुताबिक, कंपनी Mustang Mach-e को भारत में लाने की तैयारी कर रही है। भारत में इसकी बिक्री 2022 से शुरू किये जाने की उम्मीद है। जहां तक मौजूदा उत्पाद सूची की बात है, डीलर इन्वेंटरी में उपलब्ध कारों के बिक जाने के बाद बिक्री पूरी तरह बंद कर दी जाएगी। कंपनी की मौजूदा उत्पाद सूची में फिगो, एस्पायर, फ्रीस्टाइल, ईकोस्पोर्ट और एंडेवर जैसी करें शामिल हैं।
जानकारों का मानना है कि 2019 में भारतीय कार बाजार में Kia और MG Motor के आने से Ford की बिक्री लगातार गिरती चली गई। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान उसकी सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉम्पैक्ट एसयूवी ईकोस्पोर्ट को हुआ। इसके अलावा BS-6 उत्सर्जन मानकों के लागू होने के बाद कारों का उत्पादन महंगा हो गया।
पिछले एक साल से चल रहे कोरोना महामारी के दौरान कंपनी को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। मौजूदा समय में वैश्विक सेमीकंडक्टर संकट के कारण कंपनी चिप की कमी का सामना कर रही है। इन सभी कारणों के वजह से भारत में कंपनी का व्यापार लगातार घट रहा था।