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Fastag Mandatory Date: 15 फरवरी से फास्टैग होगा अनिवार्य, नहीं होने पर लगेगा इतना फाइन
15 फरवरी से फास्टैग को अनिवार्य किया जाना है, इसके बाद देश भर के टोल प्लाजा पर सिर्फ फास्टैग से टोल दिया जा सकेगा। फास्टैग नहीं होने पर अब आपको दोगुना टोल टैक्स देना पड़ सकता है, खबर है कि 80 फीसदी वाहनों में फास्टैग लगाया जा चुका है।
बतातें चले कि दिसंबर 2020 में ही इसे अनिवार्य किया जाना था लेकिन इसे बढ़ाकर जनवरी किया गया, उसके बाद अब 15 फरवरी को अंततः अनिवार्य किया जा रहा है। हालांकि इसकी पहल बहुत पहले ही शुरू हो गयी थी।
बता दें कि 1 दिसंबर 2017 से सभी चारपहिया वाहनों के पंजीकरण के साथ फास्टैग को भी पंजीकृत करवाना अनिवार्य किया गया है। मोटर वाहन अधिनियम 1989 के तहत, केंद्र सरकार ने सभी वाहन निर्माताओं और डीलरों को चारपहिया वाहन के रजिस्ट्रेशन के समय फास्टैग जारी करने का भी आदेश दिया था।
क्या है फास्टैग?
फास्टैग एक डिजिटल स्टीकर है जिसे गाड़ियों के शीशे पर लगाया जाता है। यह रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी पर काम करती है। जब गाड़िया टोल प्लाजा से गुजरती हैं तब फास्टैग से जुड़े बैंक या प्रीपेड अकाउंट से अपने आप ही टोल टैक्स का भुगतान हो जाता है।
इससे आपको टोल प्लाजा पर गाड़ी रोक कर टोल भुगतान करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, आपके खाते से सीधे ही टोल के पैसे कट जाते हैं। इसे पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी व डिजिटल करने के लिए लाया गया है, साथ ही इससे टोल पर समय भी बच जाता है।
कहां खरीदे फास्टैग?
फास्टैग जारी करने का काम 23 बैंकों को सौंपा गया है, जहां पॉइंट-ऑफ-सेल के जरिए फास्टैग दिया जा रहा है। आप निर्धारित ट्रांसपोर्ट ऑफिस या टोल प्लाजा पर भी फास्टैग खरीद सकते हैं। फास्टैग लेने के लिए आपको केवाईसी और व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा।
आप फास्टैग अमेजन और पेटीएम पर ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। बता दें कि फास्टैग लेन में चल रहे बिना फास्टैग वाले वाहनों से दंड के रूप में दोगुना टोल टैक्स वसूल करने का प्रावधान है। यह इसलिए क्योंकि फास्टैग उपयोगकर्ताओं को लेन में इंतजार न करना पड़े और ट्रैफिक जाम की समस्या न हो।
फास्टैग के आने के बाद टोल कलेक्शन में दिनों दिन वृद्धि हो रही है। फास्टैग का प्रयोग सुरक्षा और वाहन की ट्रैकिंग की दृस्टि से भी किया जा रहा है। इसमें सरकार के पास टोल प्लाजा से गुजरने वाली हर गाड़ी का रिकॉर्ड होगा।