FADA: वाहन डीलरों के हितों की सुरक्षा के लिए जल्द बने कानून, फोर्ड के बंद होने से डीलरों का नुकसान बढ़ा

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन (FADA) ने केंद्र सरकार से वाहन डीलरों के व्यवसाय की रक्षा के लिए कानून बनाने की मांग की है। वाहन डीलर संघ ने 27 अक्टूबर को एक प्रस्ताव जारी किया जिसमें ऑटोमोबाइल वितरण के लिए एक समान अवसर बनाने में मदद करने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की गई है।

FADA: वाहन डीलरों के हितों की सुरक्षा के लिए जल्द बने कानून, फोर्ड के बंद होने से डीलरों का नुकसान बढ़ा

वाहन डीलर संघ का कहना है कि कार कंपनी और डीलर भारतीय अनुबंध अधिनियम के तहत मान्य अपनी साझेदारी की शुरुआत में एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करते हैं। हालांकि, कानून में डीलरों के लिए कोई स्पष्ट समाधान नहीं है। फाडा ने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा कि भारत सरकार को तत्काल एक ऑटोमोबाइल डीलर्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने पर भी विचार करना चाहिए। इस तरह के कानून से भारत में वाहन डीलरों के अधिकार को सुरक्षित किया जा सकेगा।

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भारत में डीलरशिप समझौतों की कोई मानक अवधि तय नहीं है। कुछ समझौते 1 वर्ष की अवधि से भी कम होते है। एक डीलरशिप बिजनेस को बंद करने में 3-5 साल के बीच का समय लग जाता है। FADA का कहना है कि समझौते की कम अवधि डीलरों के लिए हानिकारक है क्योंकि वे डीलरों को उनके द्वारा किए गए भारी निवेश की वसूली के लिए पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाता है।

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फाडा ने कहा कि भारत में वाहन डीलरों के लिए व्यापार सुरक्षा कानून नहीं होने के वजह से डीलरों की तुलना में ओईएम को अधिक लचीलापन मिलता है। यह किसी कंपनी के बंद होने के दौरान डीलरों की बातचीत करने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और रोजगार के नुकसान का कारण बनता है।

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यह उन ग्राहकों के लिए भी नुकसानदेह जिनके पास बंद हो रही कंपनी की कार है, क्योंकि ऐसे ग्राहकों को डीलरशिप बंद होने के कारण सर्विस और मेंटेनेंस का अभाव झेलना पड़ता है।

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भारत में कार कंपनियों और वाहन डीलर के बीच डीलरशिप में बचे स्टॉक और स्पेयर पार्ट्स के लिए समझौते का कोई नियम नहीं है जिसके चलते कंपनी के बंद होने पर स्टॉक में पड़ी कारों का नुकसान डीलर को उठाना पड़ता है।

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बता दें कि भारत से फोर्ड के जाने की खबर ने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को चौंका दिया है। भारत में फोर्ड के उत्पादन बंद करने की घोषणा के बाद फोर्ड के डीलरों में नाराजगी है। उनका कहना है कि कंपनी को अपने डीलर और पार्टनर्स को हुए नुकसान की उचित भरपाई करनी चाहिए।

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बता दें कि जनरल मोटर्स, मैन ट्रक्स, यूएम लोहिया और हार्ले-डेविडसन के बाद फोर्ड भारत छोड़ने वाली पांचवी वाहन कंपनी है। फाडा का कहना है कि दुनिया के कई देशों में डीलरों के हित की सुरक्षा के लिए कानून बनाए गए हैं, लेकिन दुर्भाग्य से भारत में मौजूदा कानूनी व्यवस्था डीलरों की इन विशिष्ट चिंताओं को दूर करने के लिए अपर्याप्त है।

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Hindi
English summary
Fada calls government for automobile dealer protection law dealers
Story first published: Wednesday, October 27, 2021, 19:28 [IST]
 
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