मोदी सरकार के इस फैसले से अरब देशों को लगेगा झटका, भारत में बढ़ेगी आत्मनिर्भरता

भारत अपनी फ्यूल के जरूरतों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है और अपनी जरूरत की 85 प्रतिशत फ्यूल बाहर से मंगवाती है। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने की स्कीम लेकर आई थी। मोदी सरकार इथेनॉल स्कीम का नया लक्ष्य तय किया है जिसके तहत पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य कम करके 2023 कर दिया है।

Ethanol Blending In Petrol Target: मोदी सरकार के इस फैसले से अरब देशों को लगेगा झटका, भारत में बढ़ेगी आत्मनिर्भरता

फ्यूल को लेकर अन्य देशों पर निर्भरता कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है। देश की अर्थव्यवस्था को क्रूड आयल का आयात भारी प्रभावित करता है, ऐसे में फ्यूल को लेकर अपनी आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए सरकार इथेनॉल स्कीम चला रही है। राष्ट्रीय बायोफ्यूल पॉलिसी 2018 के तहत 2030 तक पेट्रोल में इथेनॉल की ब्लेंडिंग को 20 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य रखा गया था।

Ethanol Blending In Petrol Target: मोदी सरकार के इस फैसले से अरब देशों को लगेगा झटका, भारत में बढ़ेगी आत्मनिर्भरता

इसके लिए देश में बायोफ्यूल के उत्पादन को रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ाने की रणनीति बनाई गई है। पिछले साल सरकार ने 10 प्रतिशत मिश्रण 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था और 2030 तक इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया था। उसके बाद इसे आगे बढ़ाकर 2025 किया गया था।

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अब इसे और आगे बढ़ाकर 2023 कर दिया गया है। सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी करके सभी आयल कंपनियों को यह निर्देश दिया है कि देश में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के साथ इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री की जाए। यह नोटिफिकेशन 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होने वाला है। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी तेल आयात करने वाला देश है।

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वतर्मान इथेनॉल सप्लाई साल में, जो कि अक्टूबर में शुरू हुआ है, भारत पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल का मिश्रण का लक्ष्य लेकर चल रही है। 10 प्रतिशत मिश्रण दर को प्राप्त करने के लिए कम से कम 4 बिलियन लीटर इथेनॉल की जरूरत पड़ेगी। वहीं 2023 में 20 प्रतिशत मिश्रण प्राप्त करने के लिए 10 बिलियन लीटर की जरूरत पड़ेगी।

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इथेनॉल उत्पादन के लिए शक्कर इंडस्ट्री 6 मिलियन टन सरप्लस शक्कर को परिवर्तित करने वाली है ताकि 7 बिलियन इथेनॉल का उत्पादन किया जा सके, वहीं बाकी बचे हुए इथेनॉल के उत्पादन के लिए अनाज का उपयोग किया जाएगा। बतातें चले कि इथेनॉल वातावरण के लिए भी अच्छा होता है।

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वर्तमान में, भारत में 2008 से पेट्रोल में ई10 या 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित करने की अनुमति है। हालांकि, उपलब्धता की कमी के कारण 6 प्रतिशत से कम इथेनॉल पेट्रोल में मिलाया जाता है। मंत्रालय के अनुसार, वित्तीय वर्ष 18 में पेट्रोल में मात्र 4।22 प्रतिशत इथेनॉल ही मिलाया गया था।

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पिछले साल गडकरी ने जानकारी दी थी कि ग्राहकों को वाहन इंजन के लिए 100 प्रतिशत पेट्रोल व एथेनाल का विकल्प चुनने को मिलेगा। एथेनाल गैस स्टेशन से गन्ना किसानों को भी लाभ पहुंचेगा। भारत में एथेनाल गैस स्टेशन का भी निर्माण किया जाएगा, वर्तमान में यह रेसिंग विमान के लिए भी इस्तेमाल में लाया जाता है।

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एथेनाल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। एथेनाल का उत्पादन यूं तो मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है लेकिन शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है। इससे खेती और पर्यावरण दोनों को फायदा होता है।

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English summary
20% Ethanol Blending In Petrol Target To Be Achieved By 2023. Read in Hindi.
 
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