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नितिन गडकरी: अगले दो साल में सस्ते हो जाएंगे इलेक्ट्रिक वाहन, पेट्रोल कार की कीमत पर मिलेगी इलेक्ट्रिक कार
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देकर ईंधन पर चलने वाले पारंपरिक वाहनों से निर्भरता को कम करने पर जोर दिया जा रहा है। मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पेट्रोल या डीजल पर चलने वाले साधारण वाहनों से अधिक है। हालांकि, बहुत जल्द इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पारंपरिक वाहनों के बराबर हो जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दो साल के भीतर एक इलेक्ट्रिक वाहन की लागत उतनी ही होगी जितनी कि आज एक पेट्रोल पर चलने वाले वाहन की है।
रविवार की शाम को द सस्टेनेबिलिटी फाउंडेशन, डेनमार्क द्वारा आयोजित एक वेबिनार में भाग लेते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने की लागत पेट्रोल वाहनों की तुलना में बहुत कम है इसलिए बहुत जल्द ही इन्हें बड़े स्तर पर अपनाया जाएगा जिससे इनकी कीमत में कमी आएगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों की ऊंची प्रारंभिक लागत पर एक सवाल का जवाब देते हुए, गडकरी ने कहा कि पेट्रोल वाहनों पर 48 प्रतिशत के मुकाबले ई-वाहनों पर जीएसटी केवल पांच प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में इस्तेमाल वहोने वाले लिथियम की अधिक कीमत ने इलेक्ट्रिक वाहनों की लगत को बढ़ा दिया है लेकिन भविष्य में लिथियम के ज्यादा उत्पादन से कीमत में कमी आएगी। इसकी वजह से इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत में भी गिरावट देखने को मिलेगी।
गडकरी ने कहा कि वर्तमान में भारत की लिथियम बैटरी की 81 प्रतिशत आवश्यकता स्थानीय उत्पादकों द्वारा पूरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक बैटरी प्रौद्योगिकियों के विकास के संबंध में अनुसंधान चल रहा है और इस क्षेत्र में जल्द ही सफलता हाथ लगने की उम्मीद है।
मंत्री ने कहा कि उनका सपना भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों का विनिर्माण केंद्र बनाना है। गडकरी ने कहा कि वर्तमान में बजाज और हीरो जैसे भारतीय दोपहिया उत्पादक दिग्गजों द्वारा निर्मित 50 प्रतिशत ई-वाहनों का निर्यात किया जाता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग प्वाइंट की उपलब्धता के मुद्दे पर गडकरी ने कहा कि अगले दो साल में देश में हजारों चार्जिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे। सड़क के साथ-साथ बाजार क्षेत्रों में 350 चार्जिंग पॉइंट स्थापित करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंपों को भी अपने परिसरों में ई-वाहन चार्जिंग सुविधाएं स्थापित करने की अनुमति दी गई है। गडकरी ने कहा कि भारत में बहुत सारे इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों के पास अपने चार्जर भी है।
गडकरी ने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अच्छी गति प्राप्त कर रही है और ई-वाहनों की लागत में कमी लोगों को परिवहन के इस विकल्प की ओर स्थानांतरित करने के लिए आकर्षित करेगी।
गडकरी ने कहा कि सरकार 2030 तक निजी कारों के लिए 30 प्रतिशत, वाणिज्यिक कारों के लिए 70 प्रतिशत, बसों के लिए 40 प्रतिशत और दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 80 प्रतिशत तक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की उम्मीद कर रही है।
गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए कोयले के बजाय सौर और बायोमास जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली का उत्पादन किया जाएगा।