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Chevrolet Tavera History: शेवरले तवेरा: एक सफल एमपीवी अचानक क्यों हो गयी बंद? जानें
शेवरले तवेरा कार याद है ना? यह कार देश भर में अपनी क्वालिटी व दमदार पॉवर की वजह से जानी जाती है। शेवरले तवेरा भारतीय बाजार में एक सफल एमपीवी रही है और इस एमपीवी ने अपना एक नया ग्राहक वर्ग बना लिया था।
शेवरले तवेरा आया कहां से?
शेवरले तवेरा दरअसल इसुजू पैंथर है जिसे भारत में तवेरा नाम से भारत और इंडोनेशिया में बेचा जाता था, भारत में इसे 2013 तो इंडोनेशिया में इसे 2005 में बंद कर दिया गया। इसुजु ने इस प्रोडक्ट को 1991 को इंडोनेशिया में दक्षिण एशियाई बाजार के लिए तैयार किया था। उसके बाद भारत में इसके दूसरे जनरेशन मॉडल को 2004 में लाया गया।
इसे एक नए नाम शेवरले तवेरा के रूप में लाया गया और देश में ही इसका उत्पादन किया जाने लगा। कंपनी ने इसे जनरल मोटर्स के साथ मिलकर '160 प्रोजेक्ट' के रूप में बनाया था। 2010 तक आते आते यह कंपनी की देश में सबसे अधिक बिकने वाली मॉडल बन गयी और यह ग्राहकों के बीच एक अलग पहचान बना चुकी थी।
कैसे सफल हुई शेवरले तवेरा?
भारत में बड़ी गाड़ियाँ जैसे एसयूवी, एमपीवी हमेशा से ग्रामीण व छोटे शहरी इलाकों में पसंद की जाती रही है ताकि अधिक से अधिक लोगों को एक साथ ट्रांसपोर्ट किया जा सके, जैसे टाटा की सूमो, महिंद्रा की अर्मादा, मारुति की जिप्सी, टोयोटा की क्वालिस, उसी तरह शेवरले तवेरा को भी खूब पसंद किया गया।
शेवरले तवेरा 10 लोगों की सीटिंग क्षमता वाली एमपीवी थी। देश में सफल होने का कारण यह है कि इसमें पर्याप्त स्पेस, दमदार इंजन व अच्छी माइलेज देती थी। इसमें 2.5 लीटर टर्बो-डीजल इंजन लगाया गया था जो कि 3900 आरपीएम पर 73.4 बीएचपी का पॉवर व 1800 आरपीएम पर 171 न्यूटन मीटर का टार्क प्रदान करती थी।
जो कि उस समय के लिहाज से बेहतरीन था, वहीं या डीजल इंजन 14.8 किमी/लीटर का माइलेज देता था। वैसे तो 0 - 100 किमी/घंटा की गति छूने में 22.3 सेकंड का समय लेता था लेकिन 10 सीटर कार के लिहाज से यह सही भी था। शेवरले तवेरा 5 - 6 लाख रुपये की कीमत पर मिल जाती थी।
शेवरले तवेरा का नया रूप
भारत में सफल होने के बाद शेवरले तवेरा के नियो वर्जन को उतारा गया था, इसका इंजन तो वहीं रखा गया था लेकिन डिजाईन, स्टाइल में थोड़े बदलाव किये गये थे, यह उसके बाद भी देश की कई एमपीवी को कड़ी टक्कर दे रही थी और ग्राहकों के लिए एक अच्छा विकल्प थी।
इसके बाद शेवरले तवेरा नियो 3 को लाया गया था, यह इसकी नई जनरेशन मॉडल थी। इसमें नया बीएस4 अनुसरित 2.0 लीटर इंजन लगाया गया था जो कि 107 बीएचपी का पॉवर प्रदान करती थी। इसके साथ ही मांग की वजह से कई नए फीचर्स जोड़े गये थे।
शेवरले तवेरा नियो 3 में दूसरी पंक्ति पर कैप्टन सीट, दूसरी व तीसरी पंक्ति पर एयर कंडीशनिंग, रिमोट कीलेस एंट्री, सेन्ट्रल लॉकिंग, 12 वाल्ट पॉवर आउटलेट, पॉवर स्टीयरिंग, रियर विंडो डिफोगर आदि दिया गया था।
शेवरले तवेरा क्यों हुई बंद?
जनरल मोटर्स ने तवेरा के 1,14,000 यूनिट को वापस मंगाने की घोषणा की थी क्योकि इसके उत्सर्जन मानक को लेकर शिकायत सामने आ रही थी। खबरों के अनुसार जीएम के अधिकारियों ने तवेरा के उत्सर्जन को लेकर सरकार को झूठ बोला था, इस वजह से जीएम के पॉवरट्रेन डिवीजन मैनेजर, सैम वाइनगार्डन को निकाल दिया गया। इसके बाद से यह ब्रांड कभी संभल ही नहीं पायी।
शेवरले तवेरा एक अच्छी एमपीवी होने के बाद भी इसे बंद करना पड़ा। जिस वजह से भारतीय बाजार में एक अच्छी एमपीवी कम हो गयी है। अब भारत में नए उत्सर्जन मानक बीएस6 लागू किये जा चुके हैं। ऐसे में क्या आप सोचते हैं कि शेवरले तवेरा को फिर से वापसी करनी चाहिए? क्या इसे एक नए अवतार में लाया जाना चाहिए?