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Fund Released For Electric Buses: इलेक्ट्रिक बसों के लिए 212 करोड़ रुपये खर्च करेगी केंद्र सरकार
फेम-2 स्कीम के तहत इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने के लिए 212.31 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। बता दें कि केंद्र सरकार ने ईको फ्रेंडली वाहनों को बढ़ावा देने के लिए फेम स्कीम (FAME Scheme) को 2015 में शुरू किया था। इस स्कीम के तहत देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और उत्पादन को बढ़ाने के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया जा रहा है।
फेम स्कीम के दूसरे चरण के तहत देश के 65 शहरों में 5,565 इलेक्ट्रिक इलेक्ट्रिक बसों को चलाया जाना है। देश में 26 राज्यों और केंद्र शाषित प्रदेशों में कुल 15,000 इलेक्ट्रिक बसों को शुरू करने की योजना बनाई गई है। इन बसों का इस्तेमाल इंटरसिटी परिवहन, रेलवे और मेट्रो स्टेशन तक परिवहन संसाधन को पहुंचाने के लिए किया जाएगा।
इस परियोजना में 5,565 इलेक्ट्रिक बसों को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार ने 212.31 करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी है। केंद्र सरकार का कहना है कि स्मार्ट सिटी के निर्माण के लिए परिवहन संसाधन में बदलाव करना भी जरूरी है।
इसके लिए डीजल पर चलने वाली बसों को सीएनजी, एलएनजी और इलेक्ट्रिक बसों से बदला जा रहा है। स्मार्ट सिटी परियोजना में स्वच्छ ऊर्जा पर चलने वाले वाहनों के क्लस्टर को बनाने पर जोर दिया जा रहा है। फेम-2 स्कीम का स्मार्ट सिटी के निर्माण में अहम योगदान है।
फेम स्कीम के तहत हर स्मार्ट सिटी में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर ध्यान दिया गया है। इसके साथ इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों के लिए टैक्स में कटौती और ग्राहकों के लिए सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और विकास के लिए भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय ने फेम (फास्टर एडॉप्शन ऑफ मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) स्कीम को अप्रैल 2015 में लॉन्च किया था। इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास के लिए नीतिगत ढांचा तैयार किया गया है।
इस स्कीम में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ाने, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने और तकनीक की मदद से इलेक्ट्रिक वाहनों को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। फेम स्कीम के पहले चरण को दो साल की अवधि के लिए अप्रैल 2015 में लागू किया गया था। लेकिन इस स्कीम की अवधि को कई बार बढ़ाया गया और 31 मार्च 2019 में पहल चरण पूरा कर लिया गया।
फेम-2 स्कीम का लक्ष्य मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करने और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आवश्यक चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना करना है। हाल ही में केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों पर लगने वाले टैक्स को कम करने की बात कही है।
मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5 प्रतिशत, वहीं अन्य वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है। फेम-2 स्कीम के तहत मुख्य रूप से कमर्शियल इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर, फोर-व्हीलर और प्राइवेट टू-व्हीलर वाहनों की खरीद पर छूट प्रदान की जा रही है।
इस पहल के माध्यम से, सरकार 10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 5 लाख इलेक्ट्रिक तीन-पहिया, 55,000 इलेक्ट्रिक चार पहिया और 7,000 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद को सुविधाजनक बनाने के लिए लक्ष्य रखा है। केंद्र सरकार ने 2030 तक 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने का महत्वाकांशी लक्ष्य रखा है।