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केंद्र सरकार साल 2024 तक बढ़ा सकती है FAME-II योजना, जानें क्या हैं इसके फायदे
फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स स्कीम - 2 यानी FAME-II को दो साल बढ़ाकर साल 2024 तक किए जाने की संभावना है। आपको बता दें कि इस योजना को अप्रैल 2019 में शुरू किया गया था और इस योजना पर 10,000 करोड़ रुपये लगाए जाने हैं।
इतना ही नहीं इस योजना को साल 2022 तक पूरा किया जाना है। हाल ही में सामने आई एक मीडिया रिपोर्ट की माने तो केंद्र सरकार साल 2024 से इस योजना का पुनर्गठन कर सकती है। हालांकि इसके विस्तार और पुनर्गठन का कारण सामने नहीं आया है।
लेकिन माना जा रहा है कि इसका एक कारण यह हो सकता है कि अब तक आवंटित 10,000 करोड़ रुपये में से केवल 5% या 500 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं। खबर है कि केंद्र सरकार इस योजना के तहत दोपहिया वाहनों के लिए अनुदान आवंटन को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने की योजना बना रही है।
अब तक, केंद्र सरकार ने अनुदान के किसी भी नए आवंटन की घोषणा नहीं की है और इसलिए यह योजना मांग प्रोत्साहनों का समर्थन करने के लिए लंबित 9,500 करोड़ रुपये का उपयोग करेगी। राष्ट्रीय स्वच्छ गतिशीलता मिशन के तहत फेम- II को हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग उत्पन्न करने के लिए लॉन्च किया गया था।
इन वाहनों में 7,000 e-Buses, 5 लाख e-3-wheelers, 55,000 e-4-wheelers यात्री कारों (मजबूत हाइब्रिड सहित) और 10 लाख e-2-wheeler का समर्थन शामिल है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अभी तक योजना के तहत केवल 76,008 वाहनों की ही बिक्री हुई है।
जनता के लिए किफायती और पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक परिवहन विकल्प प्रदान करने पर अधिक जोर देने के साथ, यह योजना मुख्य रूप से सार्वजनिक परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों या e-3-wheelers, e-4-wheelers और e-Buses सेगमेंट में कमर्शियल उद्देश्यों के लिए पंजीकृत वाहनों पर लागू होती है।
हालांकि निजी स्वामित्व वाले पंजीकृत e-2 Wheelers भी इस योजना के तहत एक बड़े सेगमेंट के रूप में शामिल हैं। बता दें कि कुछ समय पहले ही जानकारी सामने आई थी कि देश भर में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए, सरकार इलेक्ट्रिक या बैटरी से चलने वाले वाहनों के अनुकूल मानदंड पेश करने की योजना बना रही है।
जानकारी के अनुसार सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक मसौदा अधिसूचना जारी किया था, जिसमें बैटरी से चलने वाहनों को पंजीकरण प्रमाण पत्र (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) जारी करने और नवीनीकरण के लिए शुल्क के भुगतान से छूट देने का प्रस्ताव दिया गया है।