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साल 2022 में कारों की बिक्री हो सकती है कमजोर-FADA, जानें क्या होगी वजह
पूरे देश में COVID-19 (कोरोनावायरस) महामारी से ऑटो उद्योग काफी प्रभावित हुआ है। देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण 2020 में कारों की बिक्री धूमिल हो गई थी। हालांकि कि उद्योग वर्ष के अंत में सामान्य स्थिति में वापस आ गया, उद्योग ने वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में बिक्री में स्थिर वृद्धि देखी।
हालांकि देश में COVID-19 की दूसरी लहर के कारण FY'2021-22 की शुरुआत के आसपास कार की बिक्री को एक बार फिर से झटका लगा। इसके अतिरिक्त अर्धचालकों की वैश्विक कमी और नोवेल कोरोनावायरस के नए ओमिक्रॉन वर्जन ने एक बार फिर भारत में कारों की बिक्री पर ब्रेक लगा दिया है।
इसके अलावा इन मुद्दों के साल 2022 तक फैलने की उम्मीद है। आपको बता दें कि साल 2022 में होने वाली बिक्री के बारे में फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अध्यक्ष, Vinkesh Gulati ने अपनी टिप्पणी दी है।
Vinkesh Gulati ने कहा कि "हम वर्ष 2022 को एक तटस्थ वर्ष के रूप में देखते हैं, क्योंकि ओमिक्रोन के उदय ने एक बार फिर विश्व स्तर पर भय पैदा कर दिया है। यह पैसेंजर वाहनों में आपूर्ति को और प्रभावित कर सकता है, अगर चिप बनाने वाले देश लॉकडाउन में चले जाते हैं।"
आगे उन्होंने कहा कि "या ‘वर्क फ्रॉम होम' के लिए उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए चिप बनाने को प्राथमिकता देते हैं। हम अनुमान लगाते हैं कि CY 2022 की दूसरी छमाही में आपूर्ति के साथ-साथ मांग धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ सकती है।"
Vinkesh Gulati ने आगे कहा कि "जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है कि ऑटो उद्योग केवल साल 2023 तक पूरी तरह से ठीक हो सकता है और अपने पूर्व-सीओवीआईडी स्तर पर वापस आ सकता है, लेकिन ऐसा तब होगा जब COVID एक इतिहास बन जाता है।"
उन्होंने कहा कि "देश में वाहन निर्माता अर्धचालकों की आपूर्ति में सुधार की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। बाजार की अस्थिर स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, देश में कारों की बिक्री में समय के साथ बिक्री में क्रमिक वृद्धि देखने की उम्मीद है।"
आपको बता दें कि जहां एक ओर पूरे विश्व में सेमी-कंडक्डर्स की किल्लत पड़ी हुई है, वहीं दूसरी ओर भारत सरकार इस ओर एक बड़ा कदम उठा रही है। केंद्र सरकार ने हाल ही में सेमीकंडक्टर चिप के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 76 हजार करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना की घोषणा की है।
जानकारी मिली थी कि अगले 2 से 3 सालों में देश में घरेलू आवश्यकता के लिए सेमीकंडक्टर का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। चिप निर्माण उद्योग के क्षेत्र में संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए, सरकार अगले साल जनवरी से पीएलआई स्कीम के तहत आवेदन लेना शुरू करेगी।
स्वीकृत पीएलआई योजना में अगले पांच से छह वर्षों में देश में सेमीकंडक्टर निर्माण में 76,000 करोड़ रुपये के निवेश की परिकल्पना की गई है। अगले कुछ महीनों के भीतर कंपाउंड सेमीकंडक्टर इकाइयों, डिजाइन और पैकेजिंग कंपनियों को मंजूरी दी जाएगी।
केंद्रीय सुचना एवं प्रोद्यौगिकी मंत्री वैष्णव जैन ने कहा कि अगले 2-3 वर्षों में लगभग 10-12 कंपनियां सेमीकंडक्टर का उत्पादन शुरू करेंगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान लगभग 50-60 डिजाइनिंग कंपनियां भी सेमीकंडक्टर उत्पादन से जुड़ जाएंगी।