क्या ईवी चार्जिंग का समय पेट्रोल भराने के बराबर हो सकता है? जानें क्या होगी नई तकनीक

पिछले कुछ समय से भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ी है और लोग इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में हमेशा से ही लोगों को कुछ चीजें परेशान करती हैं और वे इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग का समय और रेंज को लेकर है।

क्या ईवी चार्जिंग का समय पेट्रोल भराने के बराबर हो सकता है? जानें क्या होगी नई तकनीक

भले ही ग्राहक कम रेंज, लंबे चार्जिंग समय और धीमी चार्जिंग तकनीक के साथ एडजस्ट करने का मन बना लें, फिर भी वे इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने से कतराते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या ईवी चार्जिंग का समय पेट्रोल भराने में लगने वाले समय से भी कम हो सकता है? तो चलिए आपको बताते हैं।

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इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ समस्या

बहुत से लोग अब इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यक्तिगत मोबिलिटी के तौर पर देख रहे है, लेकिन इसके बावजूद इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने में लगने वाला समय इनकी सबसे बड़ी समस्या है, क्योंकि यह बहुत ही धीमी गति से चार्ज होते हैं और यह समस्या नई कारों के साथ भी है।

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यहां तक ​​कि टाटा मोटर्स द्वारा लॉन्च की गई लेटेस्ट टाटा नेक्सन ईवी के साथ भी यह समस्या है, जिसमें 30.2 किलोवाट आवर की बैटरी दी गई है और इसे पूरी तरह से चार्ज करने में एक पारंपरिक चार्जर से लगभग 8 घंटे का समय लग जाता है।

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भले ही एक फास्ट चार्जर के मदद से इसे चार्ज किया जाए, लेकिन इसके बाद भी इसे पूरी तरह से चार्ज करने में लगभग 2 घंटे का समय लगता है। इसके अलावा भारतीय बाजार में मौजूद अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों पर नजर डालें तो उनके साथ भी यही समस्या सामने आती है।

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ऐसे में ग्राहक इनके धीमे चार्जिंग समय के साथ-साथ बैटरी खत्म होने की स्थिति में फंस जाने का डर लगातार बना रहता है और इसी के चलते लोग इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अपनाने में कतरा रहे हैं।

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क्या हो सकती है कोई क्रांति?

वैश्विक टेक कंपनियां धीमे चार्जिंग समय और इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के प्रति उपभोक्ता के उत्साह में कमी से परेशान हैं। इसी के चलते वैश्विक टेक कंपनियां अपने संसाधनों को अनुसंधान और विकास में लगा रही हैं, जिससे एक नई तकनीक का निर्माण हो सके, जो चार्जिंग समय में काफी कटौती कर सकता है।

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वास्तव में इन टेक कंपनियों का उद्देश्य केवल चार्जिंग समय में कटौती करना नहीं है, बल्कि एक ऐसी चार्जिंग तकनीक विकसित करना है, जो इतनी उन्नत हो कि यह पेट्रोल कार में ईंधन भरने की तरह तेज हो सके। हाल ही में चीन की ईव एनर्जी के सहयोग से इजरायली टेक कंपनी स्टोर डॉट द्वारा नए युग की लिथियम-आयन बैटरी विकसित की गई थी।

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कंपनी की 1,000 सैंपल बैटरियों का उत्पादन किया गया है, जो पांच मिनट में चार्ज करने में सक्षम होगी। एक गैस टैंक को ईंधन भरने में इतना ही समय लगता है। इसी तरह के विकास में फोर्ड मोटर कंपनी द्वारा समर्थित यूएस आधारित सॉलिड पावर ने भी यह दावा किया है।

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Hindi
English summary
Can electric vehicles charging time be equal to filling petrol know here details
Story first published: Thursday, August 5, 2021, 16:51 [IST]
 
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