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Covid-19 Second Wave Impact: कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने घटाई नए वाहनों की बुकिंग और पूछताछ, जानें
भारतीय ऑटो बाजार पिछले साल की कोविड-19 महामारी से उबर नहीं पाया था, कि इसकी दूसरी लहर ने वाहनों की बिक्री को दोबारा प्रभावित करना शुरू कर दिया है। जहां दो-पहिया और चार-पहिया वाहनों की बिक्री और नई बुकिंग में भी कमी देखी गई है, वहीं आंशिक लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते वाहन निर्माताओं का मानना है कि बिक्री की कमी मई से आगे तक जारी रह सकती है।
ईटी ऑटो की रिपोर्ट के अनुसार महामारी के चलते अप्रैल से जून 2021 तक चलने वाली नए वित्त वर्ष की तिमाही में वाहन बिक्री संभवतः कम होगी। कोविड-19 महामारी से ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्यों में अधिकतर डीलरशिप बंद हैं जिनमें महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश और दिल्ली शामिल हैं। इसके अलावा जिन राज्यों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, वहां भी इसकी रोकथाम के लिए सख्ती बरती जा रही है।
यह स्थिति तब सामने आई है जब वाहनों की बिक्री ने रफ्तार पकड़ ली थी जिसकी वजह होली, नवरात्र और गुड़ी पड़वा जैसे त्यौहार हैं। ग्रामीण इलाकों में भी रबी की फसल कटने के बाद दो-पहिया और चार-पहिया वाहनों की बिक्री में इजाफा दर्ज किया जा रहा था।
आंध्र प्रदेश के एक डीलर ने ईटी ऑटो को बताया कि, "हमारे पास पर्याप्त स्टॉक है, लेकिन ग्राहक नहीं हैं। राज्य में गुरूवार को रिकॉर्ड 10,000 मामले आने के बाद ग्राहकों संख्या घटी है। वहीं महाराष्ट्र के एक हीरो डीलर ने कहा कि यहां हीरो टू-व्हीलर्स से भरे ट्रक शोरूम की पार्किंग में खड़े हैं।
मोतीलाल ओसवाल फायनेंशियल सर्विस लि. की रिपोर्ट में कहा गया है कि हीरो मोटोकॉर्प के पास 60 दिन का स्टॉक है, बजाज ऑटो के पास 50 दिन का और टीवीएस मोटर के पास 40 दिन की इंवेंटरी मौजूद है। इसके अलावा इन सभी कंपनियों में कोविड-19 महामारी के चलते बुकिंग रद्द करने करने वाले ग्राहकों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि छोटे शहरों में पिछले साल की पहली लहर के विपरीत दूसरी लहर का असर दिखाई दे रहा है। पहली लहर के विपरीत, दूसरी लहर में मांग में भरी गिरावट देखी गई है। बताया जाता है कि कोरोना की पहली लहर में स्वास्थ्य संबंधी खर्च के बढ़ने से कम बचत हुई है जिसका प्रभाव इस साल दिखने वाला है।
रिपोर्ट में सामने आया है कि कुछ राज्यों में पाबंदियों के चलते कारों का वेटिंग पीरियड 6 महीने से ऊपर चला गया है। वहीं, जिन राज्यों में सख्ती नहीं बरती गई है वहां वाहनों की बिक्री अभी भी बढ़ रही है। हालांकि, इन राज्यों में भी डीलरों को लॉकडाउन और कर्फ्यू से परेशानियां हो सकती हैं।
पहले सप्ताह की तुलना में, अप्रैल के दूसरे सप्ताह में पूछताछ और बुकिंग में 40%-60% की गिरावट देखी गई है। आमतौर पर, अप्रैल में मासिक खुदरा बिक्री का 70% इस समय तक दर्ज किया जाता है।