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Arvind Motors Hints To Revive: अरविंद मोटर्स कर रही है वापसी, जारी किया नया लोगो और कार स्केच
क्लासिक कार बनाने वाली केरल की कंपनी अरविंद ऑटोमोबाइल ने अपना नया लोगो और एक फ्यूचर कार का प्रोटोटाइप स्केच जारी किया है। इस प्रोटोटाइप कार को कंपनी ने 'कॉन्सेप्ट वन' नाम दिया है। इस कार के साथ कंपनी काफी वर्षों के बाद दोबारा उत्पादन शुरू करने वाली है। बताया जाता है कि कंपनी इस कार को 2029 में लॉन्च करेगी और अभी इसके डिजाइन पर काम शुरू कर दिया गया है।
अरविंद ऑटोमोबाइल केरल में साल 1956 में अस्तित्व में आई। इस कंपनी की स्थापना केएबी मेनन के द्वारा की गई थी जो पेशे से एक कार मैकेनिक थे। 1960 के दशक में अरविंद मोटर्स ने अपनी पहली कार, 'मॉडल-3' को लॉन्च किया था। यह एक बजट कार थी जिसे खरीदने वाले अधिकतर मध्यम वर्ग के लोग थे।
मॉडल-3 का डिजाइन कुछ हद तक अमेरिकी कार कैडिलैक से प्रेरित था। इस कार में लंबा बोनट और इतना ही लंबा बूट स्पेस दिया गया था। यह कार साइज में एक बड़ी सेडान कार के बराबर थी जो उस समय केवल अमेरिका और यूरोप के देशों में उपलब्ध थी।
कंपनी बताती है कि आने वाली कार का डिजाइन काफी आधुनिक होगा। कंपनी ने भविष्य में इलेक्ट्रिक कारों को भी डिजाइन करने का खुलासा किया है।
शुरुआत में अरविंद मोटर्स के प्लांट में इस कार के अधिकतर पुर्जों हाथों से ही तैयार किया जाता था। हालांकि, निवेश की कमी होने के कारण मेनन को अपने व्यापार को बढ़ाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।
1970 की शुरुआत में मेनन ने भारत सरकार से वित्तीय सहायता की गुहार लगाई और कंपनी के विस्तार के लिए लाइसेंस की मांग की, लेकिन सरकार ने अरविंद मोटर्स को नजरअंदाज करते हुए लाइसेंस मारुति को दे दिया। सरकार की इस फैसले से कंपनी के विकास पर प्रभाव पड़ने लगा।
मेनन के अरविंद मोटर्स की देखरेख अभी उनके पोते कर रहे हैं। वे बताते हैं कि मॉडल-3 कार उस समय 5,000 रुपये में बिकती थी और तिरुवनंतपुरम में काफी पॉपुलर कार थी। उस समय इस कार को कई फिल्मी कलाकारों ने भी खरीदा था।
कम बिक्री और निवेश की कमी के कारण आखिरकार 1971 में अरविंद मोटर्स को कारोबार बंद करना पड़ा और इसी साल कंपनी के जनक केएबी मेनन का हृदयघात के कारण निधन हो गया। उनके जाने के बाद कंपनी के देख रेख उनकी पत्नी करने लगीं। फिलहाल, कंपनी एक इलेक्ट्रिक कार के साथ दोबारा बाजार में उतरने की तैयारी कर रही है।