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फास्टैग के माध्यम से टोल कलेक्शन हुआ दोगुना, दिसंबर में 1256 करोड़ रुपये टोल टैक्स वसूला गया
केंद्र सरकार द्वारा सभी हाईवे टोल प्लाजा पर फास्टैग टोल भुगतान को अनिवार्य करने के आदेश के बाद दिसंबर में फास्टैग से होने वाले ट्रांजेक्शन में दोगुनी बढ़ोत्तरी हुई है। बता दें कि 15 जनवरी 2020 से सभी टोल प्लाजा या टोल बुथ पर फास्टैग से टोल भुगतान को अनिवार्य किया जा रहा है।
नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ने एक रिपोर्ट में बताया है कि दिसंबर में 6.4 करोड़ फास्टैग ट्रांजेक्शन से कुल 1,256 करोड़ रुपये की राशि जमा की गई जबकि, नवंबर में 3.4 करोड़ ट्रांजेक्शन से 774 करोड़ रुपये का टोल इकठ्ठा किया गया था।
केंद्र सरकार देशभर के टोल प्लाजा पर 1 दिसंबर से फास्टैग अनिवार्य करने की योजना बनाई थी जिसे बढ़ाकर 15 दिसंबर कर दिया गया था। इसके बाद सरकार ने इसे लागू करने की तिथि में फिर से बदलाव किया है और अब 15 जनवरी 2020 से अनिवार्य करने जा रही है।
फास्टैग एक डिजिटल स्टीकर है जिसे गाड़ियों के शीशे पर लगाया जाता है। यह रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी पर काम करती है। जब गाड़िया टोल प्लाजा से तब फास्टैग से जुड़े बैंक या प्रीपेड अकाउंट से अपने आप ही टोल टैक्स का भुगतान हो जाता है।
फास्टैग देने का काम 22 बैंकों को सौंपा गया है, जहां पॉइंट-ऑफ-सेल के जरिए फास्टैग दिया जा रहा है। आप निर्धारित ट्रांसपोर्ट ऑफिस या टोल प्लाजा पर भी फास्टैग खरीद सकते हैं।
फास्टैग लेने के लिए आपको केवाईसी और व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिखाना होगा। आप फास्टैग अमेजन और पेटीएम पर ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।
बता दें कि फास्टैग लेन में चल रहे बिना फास्टैग वाले वाहनों से दंड के रूप में दोगुना टोल टैक्स वसूल करने का प्रावधान है। यह इसलिए क्योंकि फास्टैग उपयोगकर्ताओं को लेन में इंतजार न करना पड़े और ट्रैफिक जाम की समस्या न हो।
परिवहन मंत्रालय के आदेश के अनुसार प्रत्येक टोल प्लाजा पर 25 प्रतिशत टोल लेन को कैश और फास्टैग ट्रांजेक्शन दोनों के लिए आरक्षित रखा गया है जबकि शेष लेन में फास्टैग वाली ही गाड़ियों को अनुमति है।
ड्राइवस्पार्क के विचार
यह व्यस्था कैशलेस भुगतान को बढ़ावा देने और टोलप्लाजा में लगने वाली गाड़ियों की भीड़ को खत्म करने के उद्देश्य से की गई है। फास्टैग के आने के बाद टोल कलेक्शन में दिनों दिन वृद्धि हो रही है। फास्टैग का प्रयोग सुरक्षा और वाहन की ट्रैकिंग की दृस्टि से भी किया जा रहा है। इसमें सरकार के पास टोल प्लाजा से गुजरने वाली हर गाड़ी का रिकॉर्ड होगा।