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वाहनों की प्रारंभिक गुणवत्ता साल 2019 में हुई बेहतर, रिपोर्ट में आया सामने
जेडी पॉवर 2019 इंडिया इनीशियल क्वालिटी स्टडी एसएम (आईक्यूएस) की रिपोर्ट में यह सामने आया है कि भारत में पहले के मुकाबले वाहनों की प्रारंभिक क्वालिटी पिछले कुछ वर्षों में बेहतर हुई है।
रिपोर्ट में यह सामने आया है कि साल 2019 में 100 में से 69 नए ग्राहकों ने वाहन के बारे में शिकायत दर्ज की है, वहीं साल 2018 में यह आंकड़ा 100 में से 81 शिकायतों का रहा था।
कॉम्पैक्ट सेगमेंट की बात करें तो सबसे ज्यादा हुंडई सेंट्रो को लेकर 100 में 54 शिकायतें दर्ज हुई है, वहीं प्रीमियम कॉम्पैक्ट सेगमेंट में सबसे ज्यादा हुंडई एलाइट आई20/एक्टिव की 100 में 57 शिकायतें दर्ज हुई है।
वहीं एंट्री मिडसाइज सेगमेंट में होंडा अमेज को लेकर 100 में से 75 शिकायतें दर्ज की गई है और मिडसाइज सेंगमेंट की बात करें तो हुंडई वरना की सबसे ज्यादा 100 में 63 शिकायतें दर्ज हुई है।
कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट की बात करें तो हुंडई वेन्यू की सबसे ज्यादा 100 में 52 शिकायतें दर्ज हुई है, वहीं एसयूवी सेगमेंट में हुंडई क्रेटा की सबसे ज्यादा 100 में 63 शिकायतें दर्ज हुई है। वहीं एमयूवी/एमपीवी सेगमेंट में मारुति सुजुकी अर्टिगा की सबसे ज्यादा 100 में 49 शिकायतें दर्ज हुई है।
आपको बता दें कि प्रारंभिक वाहन गुणवत्ता, शुरुआत के 2-6 माह के भीतर दर्ज हुई शिकायतों के आधार पर मापी जाती है। इसमें 100 में से कितने वाहनों की शिकायत दर्ज हुई है, इस आधार पर आंकड़े निकाले जाते है।
यह शोध अक्टूबर 2018 से अक्टूबर 2019 के बीच में खरीदे गए 6,051 नए वाहनों के मालिकों से बात करके किया गया है। इस शोध में कुल 66 कार मॉडलों को शामिल किया गया था, जो कि 13 निर्माताओं द्वारा बनाई जाती है।
शोध में यह भी सामने आया है कि मैन्युअल गियरबॉक्स के मुकाबले ऑटोमैटिक गियरबॉक्स से ज्यादा समस्याएं होती है। अगर मैन्युअल और ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के वाहनों की तुलना करें तो यह अनुपात क्रमशः 67ः84 का है।
बात की जाए वाहनों की गुणवत्ता की तो पहले से वह बेहतर हो रही है। लगभग सभी वाहनों में मुख्यतः तीन समस्याएं ही सामने आई है, जिसमें अधिक ईंधन खपत, मैन्युअल गियर शिफ्ट और ब्रेक से तेज आवाज आना शामिल है।