Spare Wheels On Vehicles: अब सभी पैसेंजर वाहन में स्पेयर व्हील होना अनिवार्य नहीं, आया नया आदेश

हाल ही में सड़क व राजमार्ग मंत्रालय ने नया नोटिफिकेशन जारी कर केन्द्रीय मोटर वाहन नियम के एक नियम में बदलाव किया है। नए आदेश में कहा गया है कि एम1 कैटेगरी के अंदर आने वाले वाहन को अब स्पेयर व्हील के साथ बेचा जाना अनिवार्य नहीं है।

Spare Wheels On Vehicles: अब सभी पैसेंजर वाहन में स्पेयर व्हील होना अनिवार्य नहीं आया नया आदेश

एम1 कैटेगरी में वह पैसेंजर वाहन आते हैं जिसकी सीटिंग क्षमता नौ यात्री तक होती है जिसमें ड्राईवर भी शामिल है। इसके साथ ही वाहन का वजन 3।5 टन से कम होना चाहिए। पूर्व में एम1 कैटेगरी के वाहन के साथ स्पेयर व्हील बेचा जाना अनिवार्य था।

Spare Wheels On Vehicles: अब सभी पैसेंजर वाहन में स्पेयर व्हील होना अनिवार्य नहीं आया नया आदेश

नए नियम के तहत यदि वाहन निर्माता कंपनी ने मॉडल में ट्यूबलेस टायर लगाये गए हैं तो एम1 कैटेगरी के वाहन में स्पेयर व्हील देना जरुरी नहीं है। इसके साथ ही वाहन में टायर प्रेशर मोनिटरिंग सिस्टम व टायर रिपेयर किट भी होना चाहिए जिसमें टायर सीलेंट भी शामिल है।

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इस नए नियम को लाने के पीछे का मकसद यह है कि भारतीय मानकों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के समान लाना है ताकि वाहन निर्माता कंपनी को मॉडल में स्टोरेज स्पेस के लिए या इलेक्ट्रिक वहां के केस में अतिरिक्त बैटरी के लिए जगह दिया जा सकता है।

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यह नियम सिर्फ पैसेंजर वाहनों के लिए नहीं है बल्कि उन कमर्शियल वाहनों के लिए भी है जो एन1 कैटेगरी के तहत आते हैं, जिनका उत्पादन अक्टूबर 2020 से किया जाना है। मंत्रालय ने कहा है कि अप्रैल 2021 से सभी वाहन, चाहे पैसेंजर या कमर्शियल, में सेफ्टी ग्लास या सेफ्टी ग्लेजिंग मटेरियल लगाया जाना है।

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यह सेफ्टी ग्लास या सेफ्टी ग्लेजिंग मटेरियल सामने व पीछे विंड शील्ड के रूप में उपयोग किये जाने पर कम से कम 70 प्रतिशत प्रकाश को पास करना चाहिए तथा साइड विंडो के रूप में उपयोग किये जाने पर कम से कम 50 प्रतिशत प्रकाश को पास करना चाहिए।

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देश में हेलमेट के लिए भी नया नियम लाया जाना है जिसे 4 सिंतबर को लागू किया जाएगा। नए मानदंडों में हेलमेट के लिए 1.2 किलोग्राम वजन की सीमा को तय किया गया है। अब भारत में आयात करने वाले हेलमेट कंपनियों को भारतीय मानक ब्यूरो के मानदंडों के अनुसार हेलमेट का उत्पादन करना होगा।

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इसके साथ ही बगैर आईएसआई सर्टिफिकेशन के बिकने वाले हेलमेट खराब क्वालिटी के माने जाएंगे और उन्हें बनाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई होगी। मंत्रालय ने कहा है कि खराब क्वालिटी के हेलमेट दुर्घटना के समय सर को नहीं बचा पाते हैं और इससे गंभीर चोट और मौत की घटनाएं बढ़ रही हैं।

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English summary
Spare Wheels On Vehicles Not Mandatory On All Vehicles. Read in Hindi.
Story first published: Wednesday, July 22, 2020, 18:57 [IST]
 
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