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Regional RTO Helpdesk Reopens In Delhi: दिल्ली में रिजनल आरटीओ हेल्प डेस्क दोबारा खुले
दिल्ली में लगभग पांच की बंदी के बाद, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में हेल्पडेस्क काउंटर अब फिर से खुल गए हैं। सोमवार को सराय काले खां के दक्षिण जोन आरटीओ में ग्राहक हेल्प डेस्क को शुरू करने के साथ दिल्ली के अन्य आरटीओ में भी यह सुविधा शुरू की जा रही है।
दिल्ली में ट्रांसपोर्ट विभाग के हेल्प डेस्क को इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट ट्रांजिट सिस्टम की सहायता से संचालित किया जाता है। इन हेल्प डेस्क पर ऑफलाइन आवेदन को स्वीकृत किया जाता है इसके साथ ही यातायात नियमों से संबंधित कई तरह की पूछताछ और सहायता दी जाती है। हेल्प डेस्क में एक आवेदन के लिए 50 रुपये का शुल्क लिया जाता है।
राज्य से सभी ट्रांसपोर्ट विभागों में हेल्प डेस्क को 2017 में शुरू किया गया था। यहां प्रतिवर्ष एक लाख से अधिक आवेदनों की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के फैलने के बाद सभी हेल्प डेस्क को बंद कर दिया गया था।
आमतौर पर, इन डेस्क पर पूछताछ के लिए लोगों की काफी भीड़ इकठ्ठा होती है जिससे कोरोना संक्रमण खतरा काफी अधिक बढ़ जाता है। काफी अधिक समय से हेल्प डेस्क के बंद होने से लोग प्राइवेट एजेंटों का रुख करने लगे थे जो उनसे वही काम के लिए 500-600 रुपये की मांग करता है।
ऐसे में दिल्ली सरकार ने हेल्प डेस्क की जरूरत को समझते हुए इन्हे खोलने का फैसला लिया। दिल्ली के सराय काले खां इलाके में पांच और द्वारका में चार हेल्प डेस्क संचालित किये जा रहे हैं। प्रत्येक हेल्प डेस्क में एक दिन में 80-100 आवेदन लिए जा रहे हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से 2019 के अंत तक हेल्प डेस्क पर 2.5 लाख से अधिक आवेदनों को जमा किया गया है। जिनमे द्वारका में 40,000 और सराय काले खां, वजीरपुर, रोहिणी और जनकपुरी के आरटीओ में 25-30 हजार आवेदनों को स्वीकार किया गया है।
बता दें कि दिल्ली में हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहन नीति को लागू किया गया है, इस नीति को राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग और निर्माण को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है। इस नीति के तहत दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत पर सब्सिडी दी जाएगी। किस वाहन पर कितनी सब्सिडी मिलेगी, यह वाहन के प्रकार पर निर्भर करेगा।