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Premier Padmini Taxis: मुंबई में अब जल्द ही नहीं दिखेगी प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी, जानें इनका इतिहास
काली-पीली टैक्सी मुंबई में 1980 के दशक में चारों ओर देखनें को मिलती थी तथा एक दौर में शहर का एक मुख्य अंग बन गयी थी। इन्हें मुंबई में 1974 में शुरू किया गया था और तब से यह सपनों के शहर में पिछले चार दशक से प्रवासी सहित कई लोगों का घर चलाने का सहारा बन चुकी है।
लेकिन अब नए दौर के आते-आते सभी चीजें बदल रही है, ऐसे में सरकार ने भी इन टैक्सियों को मुंबई की सड़कों से हटाने का फैसला ले लिया है। वैसे तो मुंबई में गिने चुने ही संख्या में यह टैक्सी बचे हुए है, अब उन्हें भी जुलाई 2020 के अंत तक सड़कों से हटा दिया जाएगा।
मीडया सूत्रों के अनुसार प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी के आने से पहले मुंबई टैक्सी सर्विस में कई कंपनी और मॉडल का कब्जा था। शहर के अंदर लोगों को घुमाने के लिए पहले फ़िएट मिलेसेंटो, एलीगेंट व सलेक्ट को, खासकर 90 के दशक में उपयोग में लाया जाता था।
60 का दशक आते-आते सड़कों पर फिएट सुपर सलेक्ट व फिएट 1100 सड़कों पर नजर आने लगे, इस दौरान ऑस्टिन्स, हिलमैन मिंक्स मार्क III, फोर्ड की परफेक्ट, स्टैण्डर्ड सुपर टेन, शेवरले फ्लीटमास्टर तथा प्लाईमाउथ पी-10 का जलवा रहा।
1972 में प्रीमियर प्रेसीडेंट आ गयी थी तथा उसके बाद 1974 में प्रीमियर पद्मिनी का दौर आया। प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी 1994 तक टैक्सी चालकों के बीच लोकप्रिय बनी रही, लेकिन इसकी जगह 137डी ने लेनी शुरू कर दी थी।
मुंबई के टैक्सी ड्राईवर ने इंजन की जगह पर पुरानी जापानी इंजन लगाना शुरू कर दिया था, 90 के दशक में कैब चालाकों के बीच डीजल इंजन भी खूब लोकप्रिय हो गयी थी। इन उपयोग किये गए इंजन से निकलने वाल प्रदूषण बहुत बड़ा खतरा बनता जा रहा था।
इसको ध्यान में रखते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक निर्णय पास किया जिसमें जिस कमर्शियल वाहन की जीवन खत्म होने वाली है उन्हें हटा दिया जाएगा। इस निर्णय के आने के बाद मुंबई के टैक्सी वालों के बीच हुंडई सैंट्रो जैसे वाहन लोकप्रिय होने लगे थे।
प्रीमियर पद्मिनी 1974 में 1089 सीसी कार्बोरेटर पेट्रोल इंजन लगाया गया है जो 40 बीएचपी का पॉवर तथा 83 न्यूटन मीटर का टार्क प्रदान करता है। इसमें 4 स्पीड मैन्युअल गियरबॉक्स लगाया गया है जो पीछे के चक्कों को पॉवर भेजता है।
प्रीमियर पद्मिनी 27.4 सेकंड में 0 - 60 किमी/घंटा की गति प्राप्त कर लेती थी तथा इसकी अधिकतम गति 125 किमी/घंटा थी। 1974 में इस वाहन की कीमत 30,000 रुपये रखी गयी थी, वर्तमान में उपयोग की गयी लेकिन अच्छे से मेंटेन की गयी प्रीमियर पद्मिनी की करीब 2 लाख रुपये है।