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Exposure To Air Pollution: कार की खिड़की खुली रखने पर प्रदूषण से बीमार होने का खतरा ज्यादा
लंदन की सरे यूनिवर्सिटी की एक शोध में सामने आया है कि कार की कार की खिड़की खुली रखने पर कार के अंदर प्रदूषित हवा के अंदर घुसने का खतरा ज्यादा रहता है। शोध में बताया गया है कि कार चलते वक्त वेंटिलेशन की लिए खिड़की खुली रखने पर खराब हवा कार के अंदर घुस जाती है जिससे कार के अंदर की हवा भी प्रदूषित हो जाती है।
यह शोध दुनिया भर के 10 शहरों में किया गया है जिसमे जिसमे तमिलनाडु का चेन्नई शहर भी शामिल है। शोधकर्ताओं ने सुबह, दोपहर और शाम के समय कार के अंदर और बहार मौजूद सुक्ष्म कणों (पार्टिकुलेट मैटर) की उपस्थिति दर्ज की है।
इसमें यह पता लगाने की कोशिश की गई है कि कार चलाते समय ऐसी का इस्तेमाल करने से या वेंटिलेशन के लिए खिड़की खुला रखने से कितनी प्रदूषित हवा कार के अंदर चली आती है। शोध में पता चला कि विकासशील देशों में वाहन चालकों पर प्रदूषण का अधिक खतरा मंडरा रहा है।
ऐसे देशों में अधिकतर कार चालक गाड़ी चलाते समय खिड़की खुली रखते हैं जिससे प्रदूषित हवा अंदर आ जाती है। शोध में यह भी सामने आया है कि जिन कारों की खिड़की बंद पाई गई है उनके अंदर प्रदूषित हवा 80 प्रतिशत तक कम है।
शोध में पता चला कि कार के एयर फिल्टर प्रदूषण को कम करने में ज्यादा कारगर हैं। अगर इनमे अधिक फिलटर का इस्तेमाल किया जाए तो ये हवा से सुक्ष्म कणों को भी अलग कर सकते हैं।
यह भी सामने आया कि ऑफिस या दफ्तर जाने के पीक ऑवर के समय वायु प्रदूषण अपने चरम पर होता है। इस समय चालक 90 प्रतिशत तक प्रदूषण और पार्टिकुलेट मैटर की चपेट में होता है। ऐसे समय में कार की खिड़की खोल कर ड्राइविंग करने से सबसे अधिक खतरा होता है।
वहीं सुबह के समय पीक ऑवर के मुकाबले प्रदूषण 60-70 प्रतिशत तक कम होता है लेकिन इस स्थिति में भी कार चालक को प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। एक कार चालक अपने सफर का तिहाई हिस्सा प्रदूषण के बीच गुजार देता है।