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प्रोजेक्ट में देरी से नितिन गडकरी नाराज, एनएचआई पर बोझ बने अफसरों की होगी छुट्टी
केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कई परियोजनाओं में देरी के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के शीर्ष अधिकारियों के रवैये पर नाराजगी जताई है। एक बयान में गडकरी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) अकुशल अधिकारियों के लिए एक प्रजनन क्षेत्र बन गया है जो कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि ऐसे अधिकारों को निलंबित कर योग्य अधिकारियों की भर्ती की जाए।
उन्होंने द्वारका में नौ सालों से बनाए जा रहे एनएचएआई (NHAI) भवन के निर्माण कार्य में देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट में सम्मिलित अधिकारियों के पोस्टर भवन के सामने लगाना चाहिए ताकि लोगों को पता चले कि इस कार्य में इतनी देरी किनके वजह से हुई है।
दरअसल, गडकरी द्वारका में बने नए एनएचएआई भवन के उद्घाटन के लिए गए थे, जहां उन्होंने अधिकारियों और मीडिया कर्मियों के सामने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि परंपरा है कि किसी कार्य के पूरा होने पर बधाई दी जाती है, लेकिन वह शर्मशार हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इस भवन का प्रोजेक्ट 2008 में पास हुआ था, जिसके बाद 2011 में निर्माण टेंडर पास किया गया। अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 9 साल लग गए। इतने समय में दो सरकारें और एनएचएआई के आठ चेयरमैन बदल चुके हैं।
उन्होंने बताया कि कई ऐसे अधिकारी हैं जिन्होंने इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में जानबूझ कर देरी की है और सरकार का खर्च बढ़ाया है। गडकरी ने कहा कि ऐसे अधिकारी एनएचएआई के संसाधन की बर्बादी कर रहे हैं और संगठन को कमजोर कर रहे हैं।
गडकरी ने यह भी कहा कि एनएचएआई में आईआईटी, एनआईटी जैसे तकनीकी संस्थान से छात्रों की भर्ती नहीं की जा रही है, इसके बदले अयोग्य और कम अनुभव रखने वाली कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे अयोग्य कर्मचारियों को सेवा निवृत्त करेगी और नए लोगों की भर्ती करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार लाल फीताशाही को कटाई बर्दाश्त नहीं करेगी और ऐसे मामलों में उचित कदम उठाएगी।