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Motor Vehicle Act: ट्रैफिक पुलिस से की बदतमीजी तो जब्त होगा लाइसेंस, लागू हुआ नया नियम
मोटर वाहन एक्ट 1988 में एक तजा संशोधन में कम्यूटर और ट्रैफिक पुलिस के व्यवहार को लेकर कुछ नए नियम बनाये गए हैं। नए नियम के अनुसार अब ट्रैफिक पुलिस से दुर्व्यवहार करने पर जुर्माना हो सकता है। ड्यूटी पर ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों के उत्पीड़न की घटनाएं अक्सर सामने आती रहती हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने ड्यूटी के समय होने वाली बदसुलूकी को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए हैं।
नए नियम के तहत पुलिस से दुर्व्यवहार करने पर, सिग्नल देने पर गाड़ी नहीं रोकने पर, और चेकिंग में पुलिस का सहयोग नहीं करने पर जुर्माने के साथ ड्राइविंग लाइसेंस भी जब्त हो सकता है। मोटर वाहन एक्ट ने संशोधन के बाद 1 अक्टूबर से वाहन संबंधी डिजिटल दस्तावेजों को मंजूरी दे दी गई है।
अब वाहन चालक डिजिलॉकर या एम-परिवहन मोबाइल ऐप पर अपने दस्तावेजों को सत्यापित करने के बाद सेव कर रख सकते हैं। ट्रैफिक पुलिस द्वारा मांग करने पर डिजिटल रूप से सत्यापित दस्तावेज मान्य होंगे।
डिजिलॉकर या एम-परिवहन ऐप में दस्तावेजों पर डिजिटल सिग्नेचर (हस्ताक्षर) किया जाता है और उसे परिवहन मंत्रालय द्वारा सत्यापित किया जाता है, जिसके बाद डिजिटल रूप में दस्तावेज मान्य हो जाते हैं।
डिजिलॉकर या एम-परिवहन मोबाइल ऐप पर दस्तावेज के वैद्य पाए जाने के बाद पुलिस अधिकारी आपसे भौतिक दस्तावेजों की मांग नहीं करेगा, जिससे उन्हें साथ में रखने की झंझट से निजात मिलेगा।
इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के इस्तेमाल से यातायात नियमों का बेहतर तरीके से पालन होगा और वाहन चालकों को उत्पीड़न से मुक्ति मिलेगी। पुलिस अब दस्तावेजों का भौतिक रूप से निरक्षण नहीं करेगी।
एक और नए नियम के साथ केंद्र सरकार ने गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग रूट नेविगेशन के लिए करने को मान्य घोषित कर दिया है। कई ऐसे मामले सामने आ रहे थे जिसमे मोबाइल फोन पर जीपीएस का उपयोग करते हुए वाहन चालकों पर पुलिस ने जुर्माना किया। इसको देखते हुए सरकार वाहन चलाते समय रूट नेविगेशन के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल मान्य कर दिया है।