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MoRTH Year End Review: दिसंबर 2020 तक हुआ 1.36 लाख किमी नेशनल हाईवे का निर्मान, जानें
परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने साल 2020 के अंत में देशभर में पूरे किये गए निर्माण कार्यों, हाईवे अथवा सड़क निर्माण से संबंधित आंकड़े जारी किये हैं। एक प्रेस वज्ञप्ति में मंत्रालय ने बताया है कि इस साल 20 दिसंबर तक 1,36,155 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कर लिया गया है। वहीं, अप्रैल 2014 में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 91,287 किलोमीटर थी।
2019-20 के दौरान शुरू किये गए योजनों में 8,948 किलोमीटर सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया था, जबकि इस साल लक्ष्य से अधिक 10,237 किलोमीटर सड़कें बना ली गई हैं। इस साल प्रतिदिन 28 किलोमीटर की औसत से सड़कें बनाई गई हैं वहीं 2013-2014 में सड़कों का प्रतिदिन औसत निर्माण 11.7 किलोमीटर था।
मंत्रालय ने बताया है कि कोरोना महामारी के दौरान सड़क बनाने वाली कंपनियों और कॉन्ट्रैक्टरों को भी मंत्रालय ने रहत पैकेज की घोषणा करने के साथ सहायता पहुंचाई है। कई कॉन्ट्रैक्ट की समय सीमा को 3 महीनों से बढ़ाकर 6 महीने किया गया है साथ ही कॉन्ट्रैक्टरों को लंबित भुगतान तय समय सीमा के भीतर किया गया है।
5 वर्षों में होगा 60,000 सड़कों का निर्माण
मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों में 60,000 किमी के राष्ट्रीय राजमार्गों को विकसित करने की योजना बनाई है, जिनमें से 2500 किलोमीटर एक्सप्रेसवे / एक्सेस नियंत्रित राजमार्ग, 9000 किमी इकनोमिक कॉरिडोर, तटीय और बंदरगाह कनेक्टिविटी राजमार्गों के लिए 2000 किमी और 2000 किलोमीटर सीमा / सामरिक राजमार्ग हैं।
मंत्रालय ने इस दौरान 100 पर्यटन स्थलों के लिए कनेक्टिविटी में सुधार करने और 45 कस्बों / शहरों के लिए बाईपास का निर्माण करने की भी योजना तैयार की है। 2013-14 में मंत्रालय का व्यय 33,745 करोड़ रुपये से बढ़कर 2019-20 में 1,50,841 करोड़ रुपये हो गया। साथ ही 2019-20 के दौरान 21,926 करोड़ रुपये का निजी निवेश हासिल किया गया है।
चालू वित्तीय वर्ष के दौरान, एनएचएआई नवंबर 2020 तक 79,415 करोड़ रुपये का व्यय पहले ही कर चुकी है। साथ ही नवंबर, 2020 तक 8,186 करोड़ रुपये का निजी निवेश हासिल किया गया है।
वाहन दस्तावेज बनवाना हुआ आसान
इस साल वाहन से जुड़े दस्तावेजों को बनाने और उनके डेटा को सहेज कर रखने के लिए व्यापक स्तर पर डिजिटलीकरण किया गया है। इस साल 'वाहन' और 'सारथी' जैसे पोर्टल शुरू किये गए जो देश भर में उपयोग किये जा रहे 15 से अधिक वाहन एप्लीकेशन और अन्य वेबसाइट को आधार संरचना प्रदान करते हैं।
मंत्रालय ने डिजिटलीकरण के मिशन पर चलते हुए वाहन से संबंधित दस्तावेजों जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, टैक्स, प्रदूषण एनओसी को बनवाने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई। वाहन पोर्टल से वाहनों पर लंबित मामलों की जानकारी लेना और उनके निपटारे के लिए कार्रवाई करना आसान हो गया है।
वाहन पोर्टल 4.0 के साथ अब देश के सभी राज्य और केंद्र प्रशासित प्रदेशों को जोड़ लिया गया है। इस पोर्टल से देश की आम जनता के साथ 1300 आरटीओ, 25,000 वाहन डीलर और करीब 20,000 पीयूसी केंद्रों को जोड़ा गया है।
मोटर वाहन एक्ट 1988 में संशोधन
ट्रैफिक नियमों को अधिक पारदर्शी बनाने के मकसद से इस साल ई-चालान व्यवस्था को देश भर में लागू किया गया। सड़कों पर लोगों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए और ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए मोटर वाहन एक्ट 1988 में संशोधन किया गया और नियमों को सख्त करने के साथ जुर्माने को भी बढ़ाया गया।
परिवहन मंत्रालय ने वाहन दस्तावेजों को सुरक्षा प्रदान करने और उन्हें सुविधाजनक बनाने के मकसद से एम-परिवहन एप्लीकेशन को भी लॉन्च किया। इस एप्लीकेशन पर वाहन चालकों को वाहन से संबंधित सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को डिजिटल फॉर्मेट में करने की सुविधा प्रदान की गई।
भारत सरकार ने दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए देश में केवल बीआईएस प्रमाणित हेलमेट की बिक्री के सम्बंधित नियम लागू किये हैं। इससे देश में डुप्लीकेट हेलमेट की बिक्री पर रोक लगेगा और सड़कों पर दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा भी बढ़ेगी।
डिजिटल टोल कलेक्शन सेवाएं हुई शुरू
देश भर में टोल प्लाजा पर कैश ट्रांसेक्शन को समाप्त करने और हाईवे पर यातायात को सुविधाजनक बनाने के लिए फास्टैग टोल कलेक्शन को लागू किया गया। अब फास्टैग धारक वाहन चालक बिना टोल प्लाजा पर रुके हुए टोल का भुगतान कर सकता है। परिवहन मंत्रालय के अनुसार कई मुख्य हाईवे और एक्सप्रेसवे पर फास्टैग लागू होने के बाद ट्रैफिक जाम की समस्या कम हुई है। देश के सभी टोल प्लाजा पर 1 जवारी 2021 से फास्टैग को अनिवार्य रूप से लागू किया जा रहा है।