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Automated Driving Test Centre: मध्य प्रदेश में खुलेंगे ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर, जानें
मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही राज्य में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर का निर्माण शुरू करने वाली है। राज्य की राजधानी में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों का जल्द ही भोपाल के बाहरी इलाके कोटक में स्वचालित ड्राइविंग परीक्षण केंद्र में परीक्षण किया जाएगा।
इस तरह के स्वचालित ड्राइविंग परीक्षण केंद्र राज्य भर के विभिन्न जिलों में भी आ रहे हैं। यह योजना सार्वजनिक-निजी-साझेदारी (पीपीपी) मोड के तहत शुरू की जाएगी, जिसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान (CIRT), पुणे एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बना रहा है।
ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक की कमी के कारण, भोपाल सहित कई शहरों को लाइसेंस जारी करते समय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन राज्य भर में स्वचालित ड्राइविंग परीक्षण प्रणाली के निर्णय के बाद इसमें सुधार किया जा रहा है।
स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट में किसी भी परिक्षण करता की जरूरत नहीं पड़ती है। इस प्रणाली में ड्राइविंग टेस्ट दे रहे व्यक्ति कि कुशलता का लाइव परिक्षण कैमरों की मदद से किया जाता है। टेस्ट ट्रैक पर जगह-जगह कैमरे लगाए जाते हैं जो टेस्ट टेस्ट रहे व्यक्ति का परिक्षण करते हैं।
परीक्षण से जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर अभ्यर्थी का रिपोर्ट तैयार किया जाता है। ऑटोमेटेड टेस्ट में आंकड़ों की गलती की बहुत कम संभावना रहती है, साथ ही इससे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगा।
बता दें कि भारत में हर वर्ष करीब 1.5 लाख लोगों की दुर्घटना सड़क हादसों में होती है। यह आंकड़ा दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले सबसे अधिक है। हादसों में अधिकतर लोगों की जान गलत तरीके से ड्राइविंग करने से, ट्रैफिक नियम का पालन नहीं करने से होती है।
पिछले साल केंद्र सरकार ने यातायात नियमों को कड़ाई से लागू करने के लिए मोटर वाहन एक्ट 1989 में संशोधन किया है। इस संशोदाहन में कई नए नियमों को जोड़ा गया है, साथ ही नियमों का उल्लंघन करने पर कड़े जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।