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Global NCAP Crash Test: क्या है ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट ? यहां जानें इससे जुड़ी सभी बातें
ग्लोबल एनकैप यानी ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम ( Global New Car Assessment Program) एक ऐसी संस्था है जो स्वतंत्र रूप से नई कारों का कई मापदंडों पर परीक्षण कर रेटिंग प्रदान करती है। यह संस्था टेस्ट की गई कारों को 0-5 स्टार की रेटिंग प्रदान करती है। कार कंपनियों के लिए ग्लोबल एनकैप रेटिंग काफी महत्व रखता है क्योंकि रेटिंग मिलने से कारों की बेहतर मार्केटिंग होती है।
पिछले कुछ सालों में ग्लोबल एनकैप कई देसी और विदेशी कार कंपनियों की सैकड़ों कारों को टेस्ट कर चुकी है। ग्लोबल एनकैप ने 1978 में अमेरिका में पहली बार कार का परिक्षण किया था। जिसके बाद कई अन्य देशों ने भी अपने यहां बनाने वाली कारों को गुणवत्ता मानक देने के लिए निजी स्तर पर एनकैप प्रोग्राम की शुरुआत की।
आज यूएस एनकैप के साथ यूरो एनकैप, ऑस्ट्रेलिया एनकैप, जापान एनकैप, एशियाई एनकैप, चीनी एनकैप, लैटिन एनकैप और ग्लोबल एनकैप कारों को टेस्ट रेटिंग प्रदान कर रही हैं। हरेक एनकैप के टेस्ट प्रोटोकॉल और कारों को रेटिंग देने के तरीके अलग अलग होते हैं। यूरो एनकैप में कार के फ्रंट, साइड और साइड पोल को टेस्ट किया जाता है, जबकि ग्लोबल एनकैप में कार का ऑफसेट क्रैश टेस्ट किया जाता है।
ग्लोबल एनकैप टेस्ट की बात करें तो इसमें कार को 64 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार पर चलाया जाता है। यह स्पीड कारों की औसत गति को मान कर तय की जाती है। कार के वजन और आकर की किसी दूसरे ठोस चीज को चलती कार से टकराया जाता है और दोनों पर पड़ने वाले प्रभाव को जांचा जाता है।
वहीं, भारत में होने वाले एनकैप टेस्ट में अधिकतम रफ्तार 56 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है। यह भारतीय एनकैप अमेरिकी एनकैप द्वारा तय मनको का उपयोग करता है। भारत में एनकैप के मानकों का 2017 में नवीनीकरण किया गया है और यह अक्टूबर 2019 से बिकने वाली कारों पर लागू है।
ज्यादा स्टार मतलब बेहतर सेफ्टी
तकनीकी तौर पर एनकैप टेस्ट में सबसे कम रेटिंग या स्टार लाने वाली करें दुर्घटना के समय सुरक्षित नहीं मानी जाती हैं। टेस्ट की गई कारों को 0-5 स्टार रेटिंग दी जाती है। रेटिंग को एडल्ट सेफ्टी, चाइल्ड सेफ्टी समेत कई मानकों पर बांटा जाता है। कार के अंदर ड्राइवर सीट और पैसेंजर सीट पर मानव आकार में कठपुतलों को बैठाया जाता है और क्रैश से उनपर पड़ने वाले प्रभाव की जाँच की जाती है।
ग्लोबल एनकैप टेस्ट में कार को 1 स्टार रेटिंग देने के लिए कार में ड्राइवर साइड एयरबैग का होना अनिवार्य है। अभी हाल ही में मारुति सुजुकी एस-प्रेसो को ग्लोबल एनकैप टेस्ट में शून्य रेटिंग दिया गया है जिससे साबित होता है कि यह कार बिलकुल सुरक्षित नहीं है। जबकि टाटा नेक्सन, महिंद्रा एक्सयूवी 300 और होंडा सिटी जैसी कारों ने इस टेस्ट में 5 स्टार रेटिंग प्राप्त किया है।